बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग गुरुवार (6 नवंबर) सुबह 7 बजे से शुरू हुई। 121 सीटों पर मतदान जारी है और मतदान केंद्रों पर लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। लेकिन जैसे-जैसे वोटिंग आगे बढ़ी, सियासी आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए।
महागठबंधन का आरोप – ‘धीमा किया जा रहा है मतदान’
विपक्षी महागठबंधन की प्रमुख पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाया है। पार्टी ने दावा किया कि जिन इलाकों में RJD और उसके सहयोगी दलों की पकड़ मजबूत है, वहां जानबूझकर बिजली कटौती की जा रही है ताकि मतदान की प्रक्रिया धीमी हो सके।
RJD ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा –
“महागठबंधन के मजबूत बूथों पर जानबूझकर बिजली काटी जा रही है। इससे वोटिंग की गति धीमी हो रही है। यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है।”
पार्टी ने चुनाव आयोग से तुरंत हस्तक्षेप करने और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की मांग की।
चुनाव आयोग की सफाई – “वोटिंग पूरी तरह पारदर्शी”
RJD के आरोपों का जवाब देते हुए बिहार चुनाव आयोग ने सभी दावों को “झूठा और भ्रामक” बताया। आयोग ने अपने आधिकारिक पोस्ट में कहा –
“बिहार में सभी मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से मतदान जारी है। बिजली या तकनीकी गड़बड़ी जैसी कोई बड़ी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। भारत निर्वाचन आयोग निष्पक्ष, पारदर्शी और निर्बाध मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी मानक प्रक्रियाओं का पालन कर रहा है।”
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि हर जिले में निगरानी टीमों को सक्रिय रखा गया है और सभी मतदान केंद्रों पर बिजली आपूर्ति तथा सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त है।
वोटिंग प्रतिशत और सुरक्षा इंतज़ाम
सुबह 11 बजे तक पहले चरण में 27.65% मतदान दर्ज किया गया। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की कड़ी तैनाती की गई है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वीवीपैट की लगातार जांच की जा रही है ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो।
सियासत हुई तेज, जनता की नजरें नतीजों पर
पहले चरण के मतदान के बीच जहां महागठबंधन चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहा है, वहीं सत्ताधारी गठबंधन का कहना है कि विपक्ष हार की आशंका में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है।