पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने नवंबर महीने की शुरुआत युवाओं के लिए यादगार बना दी। उन्होंने म्यूनिसिपल भवन में आयोजित समारोह में विभिन्न सरकारी विभागों के नए कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस मौके पर सीएम मान ने कहा कि अब पंजाब में प्रतिभा को पहचान मिल रही है और सरकार का लक्ष्य है कि हर योग्य युवा को राज्य में रोजगार के अवसर उपलब्ध हों।
“अब सरकारी नौकरी एक सपना नहीं, हकीकत है”
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि एक समय था जब लोगों ने सरकारी नौकरी की उम्मीद छोड़ दी थी और नौजवान विदेशों की ओर पलायन कर रहे थे। लेकिन उनकी सरकार ने यह स्थिति बदल दी है। उन्होंने कहा कि अब सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी भी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं — जैसे जेईई और नीट — में सफलता हासिल कर रहे हैं।
सीएम ने कहा, “पहले बच्चों को मौके नहीं मिलते थे, अब पंजाब में मेहनत और योग्यता का सम्मान हो रहा है।”
विपक्ष पर कड़ा वार
भगवंत मान ने अपने संबोधन में विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “जिन नेताओं पर सवाल उठते हैं, उनके बच्चों ने कभी संघर्ष नहीं देखा। वे जन्म लेते ही सुरक्षा घेरे में रहते हैं। उन्हें न गरीबी का पता है, न मेहनत की कीमत का।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की धरती गुरुओं और पीरों की भूमि है — यहां हमेशा से मेहनती और बुद्धिमान लोग पैदा हुए हैं, और यही राज्य की असली ताकत है।
पंजाब दिवस पर विशेष संदेश
सीएम मान ने कहा कि आज का दिन खास है क्योंकि नवंबर 1 को ‘पंजाब दिवस’ मनाया जाता है — यह वह दिन है जब पंजाब हरियाणा से अलग होकर एक स्वतंत्र राज्य बना था। उन्होंने कहा कि “इस दिन हमें केवल जश्न नहीं मनाना चाहिए, बल्कि यह संकल्प लेना चाहिए कि पंजाब को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करेंगे।”
नौकरियों पर तेज़ी से काम
मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते कई वर्षों तक नौकरियों की फाइलें बिना हस्ताक्षर के अटकी रहती थीं, जिससे युवाओं का भविष्य अधर में था। लेकिन अब ऐसा नहीं है।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार युवाओं को पारदर्शी और योग्यता के आधार पर नौकरियां दे रही है। अब पंजाब में किसी को भी अपने सपनों के लिए विदेश नहीं जाना पड़ेगा।”