पंजाब से खाड़ी देशों में नौकरी के बहाने भेजी जा रही लड़कियों के शोषण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ताजा घटना मोगा जिले की एक युवती की है, जो झूठे वादों के जाल में फंसकर इराक पहुंच गई थी।
वहां उसे अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया, लेकिन राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों से वह आखिरकार अपने वतन लौट आई।
नौकरी का वादा, नरक जैसी हकीकत
लड़की ने बताया कि जगराों के एक ट्रैवल एजेंट ने उसे सिलाई का काम दिलाने का भरोसा दिया था।
8 जनवरी 2024 को वह पहले दुबई और फिर इराक भेजी गई। लेकिन वहां पहुंचते ही उसके सपने टूट गए।
सिलाई की जगह उसे घरेलू नौकरानी बना दिया गया और घर का मालिक उस पर बुरी नजर रखने लगा।
शोषण की वीडियो बनाई, लेकिन मिला दर्द
जब हालात बदतर हो गए तो उसने हिम्मत दिखाते हुए आरोपी की वीडियो बनाई और पुलिस को भेज दी।
इसका परिणाम बेहद खतरनाक रहा — एजेंट और उसके साथियों ने उसकी बेरहमी से पिटाई की।
युवती ने बताया, “उन्होंने तब तक मारा जब तक डंडा टूट नहीं गया।”
इस अत्याचार के बाद वह कई महीनों तक डिप्रेशन में रही और उम्मीद खो बैठी थी।
संत सीचेवाल बने मसीहा
निराशा के बीच उसने 10 अगस्त 2025 को सोशल मीडिया पर संत बलबीर सिंह सीचेवाल से मदद मांगी।
सीचेवाल ने तुरंत विदेश मंत्रालय से संपर्क कर राहत प्रक्रिया शुरू करवाई।
लगातार कोशिशों के बाद 28 सितंबर को वह सुरक्षित भारत लौट आई।
सुल्तानपुर लोधी पहुंचकर उसने भावुक होकर कहा, “संत सीचेवाल ने मुझे नई ज़िंदगी दी।”
सीचेवाल का संदेश – डरिए मत, आवाज उठाइए
संत सीचेवाल ने कहा कि यह बेटी हिम्मत की मिसाल है। उन्होंने बताया कि अभी भी 20 से ज्यादा पंजाबी लड़कियां इराक में फंसी हैं।
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि विदेशी नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे एजेंटों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
सीचेवाल बोले, “अब वक्त आ गया है कि बेटियों को धोखे से विदेश भेजने वाले गिरोहों की जड़ें उखाड़ी जाएं।”
लौटकर भी न भूलेगी वो दिन
युवती ने कहा कि इराक में बिताए गए दिन उसकी ज़िंदगी के सबसे दर्दनाक पल थे, जिन्हें वह कभी नहीं भूल सकती।
उसने बाकी लड़कियों से अपील की कि वे ऐसे लालच में न आएं और किसी भी नौकरी के लिए विदेश जाने से पहले पूरी जानकारी ज़रूर लें।