भारत की आसमान पर बढ़ेगी पकड़, वायुसेना खरीदने जा रही है घातक मेटियोर मिसाइलें

भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शानदार सफलता हासिल की थी। मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई के रूप में यह अभियान शुरू किया था। यह ऑपरेशन केवल चार दिन (6 से 10 मई) चला, लेकिन इस दौरान भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और सैन्य प्रतिष्ठानों को भारी नुकसान पहुंचाया।
पाकिस्तानी वायुसेना ने जवाब में चीन से मिली PL-15 मिसाइलें दागीं, मगर भारतीय विमानों को कोई नुकसान नहीं हुआ। इस जीत ने भारत की हवाई ताकत को दुनिया के सामने साबित कर दिया।


अब और मजबूत होगी हवाई लड़ाई की क्षमता

अब भारतीय वायुसेना अपनी बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइल क्षमता को और सुदृढ़ करने जा रही है। इसके तहत बड़ी संख्या में मेटियोर एयर-टू-एयर मिसाइलें खरीदी जाएंगी। रक्षा मंत्रालय में यह प्रस्ताव अंतिम चरण में है और जल्द ही इसकी मंजूरी मिलने की संभावना है।
इन मिसाइलों के जुड़ने से वायुसेना दुश्मन के विमानों को काफी दूरी से ही नष्ट कर सकेगी, जिससे पायलटों को जोखिम भरे नजदीकी मुकाबले में नहीं उतरना पड़ेगा।


मेटियोर मिसाइल की खासियतें

मेटियोर मिसाइल यूरोपीय कंपनी MBDA द्वारा विकसित की गई है और इसे दुनिया की सबसे अत्याधुनिक एयर-टू-एयर मिसाइलों में गिना जाता है।

  • रेंज: 200 किलोमीटर से अधिक दूरी तक दुश्मन को मार गिराने की क्षमता।
  • रैमजेट इंजन: हवा से ईंधन लेकर लंबी उड़ान और लगातार तेज गति (करीब 4939 किमी/घंटा) बनाए रखता है।
  • स्मार्ट ट्रैकिंग सिस्टम: यह रडार और सेंसर तकनीक से लैस है, जिससे यह दुश्मन की जैमिंग तकनीक को भी मात दे सकती है।
  • सुरक्षित अटैक: पायलट सुरक्षित दूरी से ही लक्ष्य पर वार कर सकता है।

भारत ने 2016 में राफेल विमानों के साथ सीमित संख्या में मेटियोर मिसाइलें खरीदी थीं। अब अनुमान है कि नई खरीद पर करीब 1,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह राफेल फ्लीट को पहले से कहीं अधिक घातक बना देगा।


पाकिस्तान और चीन, दोनों से निपटने की तैयारी

पाकिस्तान ने हाल के वर्षों में चीन से PL-15 मिसाइलें खरीदी हैं, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में वे नाकाम रहीं। अब भारत यह सुनिश्चित कर रहा है कि भविष्य में किसी भी स्थिति में उसकी हवाई शक्ति सर्वोच्च बनी रहे।
साथ ही, DRDO अपनी स्वदेशी अस्त्र Mk-2 मिसाइलों का उत्पादन बढ़ा रहा है, जिन्हें Su-30 MKI और तेजस जैसे विमानों पर लगाया जाएगा।


भारत की रक्षा रणनीति को नई ऊंचाई

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, मेटियोर मिसाइलों की यह खरीद जल्द ही औपचारिक रूप से मंजूर हो जाएगी। यह कदम भारत की हवाई डिफेंस स्ट्रैटेजी को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
इन मिसाइलों के शामिल होने से भारतीय वायुसेना दुश्मन के किसी भी खतरे का सामना अधिक आत्मविश्वास और सटीकता के साथ कर सकेगी — और आसमान पर भारत की पकड़ और भी मजबूत हो जाएगी।

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