दिल्ली में सर्दियों की दस्तक के साथ ही एक बार फिर प्रदूषण का कहर लौट आया है। राजधानी की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि लोगों के लिए खुले में सांस लेना मुश्किल हो गया है। नवंबर की शुरुआत के साथ ही शहर एक घने स्मॉग (धुएं और धुंध) की चादर में लिपट गया है, जिससे दृश्यता भी काफी कम हो गई है।
हवा में मामूली सुधार, पर हालात अब भी गंभीर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 319 दर्ज किया गया।
रविवार को यह 377 था, यानी थोड़ी गिरावट आई है, लेकिन हवा अब भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है।
एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम (AQEWS) ने चेतावनी दी है कि 4 नवंबर तक हवा में कोई खास सुधार नहीं होगा, और प्रदूषण का स्तर इसी तरह बना रहेगा।
विदेशी पर्यटक भी परेशान दिल्ली के स्मॉग से
दिल्ली आने वाले विदेशी नागरिक भी राजधानी की जहरीली हवा देखकर हैरान हैं।
अमेरिकी पर्यटक शेन ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैं आगरा से दिल्ली बस से आया। रास्ते में जैसे-जैसे दिल्ली करीब आती गई, धुंध और गहरी होती गई। यहां तक कि सूरज भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था।”
उन्होंने बताया कि दिल्ली की हवा में इतना धुआं और धूल है कि थोड़ी देर में ही सांस लेना मुश्किल लगने लगा।
ये इलाके बने प्रदूषण के हॉटस्पॉट
दिल्ली के जिन इलाकों में प्रदूषण सबसे ज्यादा है, उनमें वज़ीरपुर (AQI 385) और नरेला (AQI 382) शामिल हैं।
राजधानी के 39 से अधिक मॉनिटरिंग स्टेशन में से ज्यादातर पर हवा की गुणवत्ता “बहुत खराब” पाई गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान गिरने से हवा ठंडी और भारी हो रही है, जिससे प्रदूषक तत्व नीचे जम जाते हैं और प्रदूषण का स्तर और बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य पर खतरे की घंटी
चिकित्सकों का कहना है कि प्रदूषण का यह स्तर दिल और फेफड़ों की बीमारियों को बढ़ा सकता है।
लोगों में खांसी, सांस की तकलीफ, गले में जलन और आंखों में पानी आना जैसी दिक्कतें बढ़ रही हैं।
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग मास्क पहनें, सुबह की वॉक से बचें और घरों में पौधे या एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
कब घटेगा यह प्रदूषण का धुंधलका?
मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली को बारिश या तेज हवाओं का इंतजार करना होगा।
तभी हवा साफ हो सकती है और प्रदूषण का स्तर नीचे आएगा।
फिलहाल दिल्ली फिर से उसी पुरानी समस्या से जूझ रही है — जहां हर सांस में जहर घुला है, और राहत अब भी दूर दिखती है।