कनाडा सरकार ने अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी में बड़ा बदलाव करते हुए घोषणा की है कि अब देश में अस्थायी निवासियों (Temporary Residents) की संख्या में 43 प्रतिशत तक की कमी की जाएगी। इस फैसले का सबसे बड़ा असर अंतरराष्ट्रीय छात्रों और विदेशी कामगारों पर पड़ने वाला है। यह निर्णय फेडरल बजट 2025 के हिस्से के रूप में लिया गया है, जिसका उद्देश्य कनाडा के बढ़ते जनसंख्या दबाव और आवास संकट को नियंत्रित करना है।
2027 तक अस्थायी निवासियों की सीमा तय होगी
सरकार ने स्पष्ट किया है कि 2027 के अंत तक अस्थायी निवासियों की कुल संख्या को देश की आबादी के 5 फीसदी तक सीमित किया जाएगा। हाल के वर्षों में कनाडा में लाखों विदेशी छात्र और अस्थायी वर्क परमिट पर काम करने वाले लोग बस गए हैं, जिससे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर, रेंटल हाउसिंग और पब्लिक सर्विसेज पर भारी दबाव पड़ रहा है।
विदेशी छात्रों की संख्या घटेगी आधी से ज्यादा
नई नीति के तहत अंतरराष्ट्रीय छात्रों के स्टडी परमिट में भारी कटौती की गई है। पहले हर साल 3,05,000 छात्रों को वीज़ा मिलता था, लेकिन अब यह संख्या घटाकर 1,55,000 कर दी गई है। अनुमान है कि 2027 तक यह आंकड़ा और घटकर 1,50,000 रह जाएगा। इसका सीधा असर भारत जैसे देशों के छात्रों पर पड़ेगा, क्योंकि 2024 में जारी स्टडी परमिट्स में 36.5 फीसदी भारतीय छात्र शामिल थे।
वर्क परमिट पर भी सख्ती
सिर्फ छात्रों पर ही नहीं, बल्कि अस्थायी विदेशी कामगारों के लिए भी शर्तें कड़ी की गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2026 में वर्क और स्टडी परमिट की कुल संख्या 3,85,000 होगी, जिसे अगले दो साल में घटाकर 3,70,000 किया जाएगा। इसके अलावा 2027 तक नए वर्क परमिट्स की संख्या 2,20,000 तक सीमित करने की योजना है।
सरकार का उद्देश्य — सिस्टम में संतुलन लाना
कनाडा सरकार का कहना है कि यह निर्णय किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि संतुलन और स्थिरता बनाए रखने के लिए लिया गया है। पिछले कुछ वर्षों में जनसंख्या तेजी से बढ़ने के कारण मकानों की कमी, किराए में वृद्धि और शिक्षा संस्थानों पर बोझ जैसी समस्याएं सामने आई हैं। सरकार चाहती है कि जो लोग कनाडा आएं, उन्हें गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं मिलें और देश के संसाधनों पर अनावश्यक दबाव न पड़े।
भारतीय छात्रों पर सीधा प्रभाव
कनाडा में सबसे अधिक संख्या भारतीय छात्रों और प्रोफेशनल्स की है, ऐसे में यह बदलाव उनके लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। अब स्टडी वर्क परमिट्स के लिए प्रतिस्पर्धा और कड़ी हो जाएगी। कनाडाई यूनिवर्सिटीज़, खासकर छोटे कॉलेजों में विदेशी छात्रों की संख्या घटने से उनकी आय पर भी असर पड़ सकता है।
भविष्य की दिशा
कनाडा की नई नीति यह संकेत देती है कि आने वाले वर्षों में इमिग्रेशन सिस्टम और सख्त होगा। सरकार अब स्थायी निवास (Permanent Residency) के बजाय कौशल आधारित और सीमित अस्थायी प्रवास को प्राथमिकता दे रही है।