पंजाब की सियासत में इस वक्त तरनतारन उपचुनाव चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है, लेकिन इस बार माहौल सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं है—यह भावनाओं से भी भरा हुआ है। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू के समर्थन में आयोजित विशाल रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐसा संबोधन दिया जिसने जनता के दिलों को छू लिया।
जनता से जुड़ी अपील – “मैं मुख्यमंत्री नहीं, जनता का दुखमंत्री हूँ”
भगवंत मान ने भीड़ के सामने कहा, “मैं मुख्यमंत्री नहीं, दुखमंत्री हूँ। मैं आपके सुख-दुख में साझीदार बनकर आया हूँ, न कि सिर्फ कुर्सी पर बैठने।” इस बयान ने हजारों लोगों की भीड़ को भावनात्मक कर दिया और ‘इंकलाब ज़िंदाबाद’ के नारे गूंज उठे।
तरनतारन की मिट्टी से जुड़ा रिश्ता
मान ने अपने बचपन की यादें साझा करते हुए कहा कि वह भी एक आम परिवार से हैं — “मैं साइकिल पर स्कूल जाता था और बस की छत पर बैठकर कॉलेज पहुंचता था।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों की पीड़ा, मजदूरों की मेहनत और आम लोगों की परेशानियों को नज़दीक से समझती है।
सरकार की उपलब्धियों पर डाला प्रकाश
मुख्यमंत्री मान ने बताया कि उनकी सरकार ने बीते साढ़े तीन वर्षों में पंजाब के विकास की दिशा तय की है —
- राज्य के 90% घरों के बिजली बिल शून्य हो चुके हैं, क्योंकि 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जा रही है।
- 56,000 युवाओं को सरकारी नौकरियाँ दी गई हैं, वह भी बिना किसी सिफारिश या रिश्वत के।
- बाढ़ पीड़ितों को 45 दिनों में राहत राशि मिली और दिवाली से पहले सभी तक मदद पहुंची।
- आम आदमी क्लीनिक के ज़रिए हर गाँव में मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है।
- ड्रग माफिया पर कार्रवाई कर कई बड़े आरोपियों को जेल भेजा गया है।
विपक्ष पर साधा निशाना – “70 साल में पंजाब को सिर्फ लूटा गया”
मान ने विपक्षी पार्टियों पर हमला बोलते हुए कहा कि पुरानी सरकारों ने पंजाब को सिर्फ भ्रष्टाचार, नशे और बेरोजगारी की सौगात दी। उन्होंने कहा, “हमने ईमानदारी, पारदर्शिता और जनसेवा का मॉडल खड़ा किया है, और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”
“11 नवंबर पंजाब के भविष्य का फैसला होगा”
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि 11 नवंबर को सिर्फ एक वोट नहीं, बल्कि एक निर्णय देना है—कि पंजाब उस नेता को चुनेगा जो खुद को जनता का सेवक मानता है, न कि सत्ता का मालिक। उन्होंने कहा, “हमारी जीत पंजाब के युवाओं के सुनहरे भविष्य की जीत होगी।”