गुजरात के भावनगर में बुधवार की सुबह एक बड़ा हादसा होने से बच गया। शहर के एक व्यस्त अस्पताल कॉम्प्लेक्स में अचानक आग लग गई, जिससे आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। करीब 9 बजे कॉम्प्लेक्स की बिल्डिंग से गहरा धुआं उठता दिखाई दिया। इस इमारत में चार अस्पताल संचालित होते हैं, जिनमें कई मरीज भर्ती थे। सबसे ज्यादा चिंता बच्चों के अस्पताल को लेकर थी, जहां करीब 20 मासूम इलाज के लिए भर्ती थे।
अचानक उठे धुएं ने बढ़ाई चिंता
जैसे ही लोगों ने धुआं निकलते देखा, तुरंत फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी गई। लेकिन धुएं के तेजी से फैलने के कारण मरीजों में घबराहट बढ़ने लगी। खासकर बच्चों के वार्ड में मौजूद अभिभावक बहुत परेशान हो गए। चूंकि कई बच्चे बिल्कुल नवजात थे, इसलिए उन्हें तुरंत सुरक्षित निकालने की जरूरत थी।
मदद के लिए आगे आए स्थानीय लोग
प्रशासन के पहुंचने का इंतजार किए बिना आसपास के लोग खुद ही बचाव कार्य में जुट गए। सबसे पहले उन्होंने बच्चों के अस्पताल की पहली मंजिल तक पहुंचने के लिए खिड़कियां तोड़ीं। इसके बाद कुछ बहादुर युवक भीतर पहुंचे और एक-एक करके बच्चों को बाहर निकालना शुरू किया।
बच्चों को धुएं से बचाने के लिए चादरों में लपेटा गया, फिर सीढ़ियों के सहारे नीचे उतारा गया। बाहर खड़े माता-पिता अपने बच्चों को सुरक्षित देखकर भावुक हो उठे। स्थानीय लोगों की इस त्वरित कार्रवाई ने बड़ी त्रासदी को टाल दिया।
अन्य मरीजों को भी सुरक्षित निकाला गया
सिर्फ बच्चों ही नहीं, बल्कि अन्य अस्पतालों में भर्ती कई मरीज भी धुएं के कारण फंस गए थे। कॉम्प्लेक्स में मौजूद क्लीनिक और ऑफिस भी प्रभावित हुए। मौके पर पहुंची फायर टीम ने पूरी इमारत को खाली कराने में मदद की और धुआं बाहर निकालने का काम शुरू किया।
करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया। राहत की बात यह है कि इस घटना में किसी की जान नहीं गई और सभी मरीज सुरक्षित निकाल लिए गए।
आग का कारण अब तक स्पष्ट नहीं
फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल आग के कारणों की जांच जारी है। प्राथमिक अनुमान के अनुसार, कोई तकनीकी खराबी या शॉर्ट सर्किट इसकी वजह हो सकता है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। टीम कॉम्प्लेक्स के इलेक्ट्रिकल सिस्टम और उपकरणों की जांच कर रही है।
सतर्कता का बड़ा उदाहरण
भावनगर की यह घटना एक बार फिर बता देती है कि किसी बड़ी दुर्घटना से बचने में स्थानीय लोगों की त्वरित प्रतिक्रिया कितनी महत्वपूर्ण होती है। प्रशासन के पहुंचने से पहले जिस तरह लोगों ने बच्चों और अन्य मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की, उसकी सराहना पूरे शहर में की जा रही है।