बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण की वोटिंग आज पूरे जोश और उत्साह के साथ जारी है।
राज्य के अलग-अलग जिलों में सुबह से ही लंबी कतारें देखने को मिलीं, जहां लोग अपनी पसंद की सरकार चुनने के लिए वोट डाल रहे हैं।
मतदान का ताज़ा हाल
दूसरे चरण में कुल 20 जिलों की 122 सीटों पर वोटिंग हो रही है।
चुनाव आयोग के अनुसार, सुबह 11 बजे तक 31.38% मतदान दर्ज किया गया। जबकि सुबह 9 बजे तक 14.55% वोटिंग हुई थी।
अधिकारियों को उम्मीद है कि दोपहर और शाम के बीच मतदान का प्रतिशत तेजी से बढ़ेगा।
पहले चरण में 6 नवंबर को लगभग 64.66% वोटिंग हुई थी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दूसरा चरण उस रिकॉर्ड के करीब पहुंच पाएगा।
किन इलाकों में वोटिंग हो रही है
आज जिन जिलों में वोटिंग हो रही है, उनमें अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, भागलपुर और आसपास के सीमांचल क्षेत्र शामिल हैं।
इन इलाकों का राजनीतिक महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह क्षेत्र अक्सर सत्ता की दिशा तय करता है।
बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर
इस चरण में 12 मौजूदा मंत्रियों समेत कई दिग्गज उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो रही है।
नीतीश कुमार की जेडीयू, बीजेपी, आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दलों के बीच मुकाबला त्रिकोणीय या कभी-कभी चतुष्कोणीय बन गया है।
सीमांचल की कुछ सीटों पर वोटों का बंटवारा दिलचस्प मोड़ ले सकता है।
सुरक्षा कड़ी, माहौल शांतिपूर्ण
राज्य भर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ निगरानी ड्रोन से भी की जा रही है।
हालांकि कुछ जगहों से मामूली झड़पों की खबरें आईं, पर कुल मिलाकर मतदान शांतिपूर्ण माहौल में जारी है।
महिलाओं, बुजुर्गों और पहली बार वोट डालने वाले युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिला।
जनता का उत्साह और अगला चरण
मतदान शाम 5 बजे तक जारी रहेगा। आयोग ने लोगों से अपील की है कि वे समय रहते अपने मत का प्रयोग करें।
यह चरण इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद पूरे राज्य में मतदान समाप्त हो जाएगा और अब नज़रें 14 नवंबर को होने वाली वोटों की गिनती पर टिकेंगी।
पहले चरण के उच्च मतदान के बाद इस बार का मतदान प्रतिशत यह संकेत देगा कि जनता का रुझान किस ओर झुक रहा है —
एनडीए की वापसी या महागठबंधन की बढ़त।
बिहार के मतदाताओं ने एक बार फिर दिखाया है कि लोकतंत्र की असली ताकत जनता के हाथ में है।
गांवों से लेकर शहरों तक लोग अपने भविष्य को बदलने की उम्मीद लिए वोट डाल रहे हैं।
अब पूरे राज्य को इंतजार है — नतीजों का, जो तय करेंगे कि 2025 में बिहार की सत्ता की बागडोर किसके हाथों में होगी।