डिजिटल भुगतान के इस दौर में क्रेडिट कार्ड का उपयोग तेजी से बढ़ा है। दैनिक खरीदारी से लेकर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन तक, लोग क्रेडिट कार्ड पर काफी निर्भर हो गए हैं। इसी बढ़ती निर्भरता का फायदा अब साइबर अपराधी उठा रहे हैं।
क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने का लालच देकर लोगों के खातों से बड़ी रकम उड़ा ली जा रही है, और कई लोग इस ठगी का शिकार भी बन चुके हैं।
कैसे किया जाता है यह स्मार्ट फ्रॉड?
इस नए स्कैम में धोखेबाज खुद को बैंक का कर्मचारी बताकर कॉल करते हैं।
वे दावा करते हैं कि—
“आपकी क्रेडिट कार्ड लिमिट बिना किसी झंझट के अभी बढ़ सकती है।”
इसके बाद स्कैमर आपकी ईमेल या SMS पर एक लिंक भेजते हैं।
लिंक खोलते ही एक नकली वेबसाइट सामने आती है, जो बिल्कुल बैंक के असली पोर्टल जैसी दिखती है।
- यूजर वहां कार्ड की डिटेल भर देता है
- ठग तुरंत कार्ड से लेनदेन शुरू कर देते हैं
- आपके मोबाइल पर आए OTP को “प्रक्रिया पूरी करने” के नाम पर मांग लिया जाता है
और जैसे ही OTP मिल जाता है…
खाते से पैसे फटाफट ट्रांसफर कर दिए जाते हैं।
OTP ही क्यों होता है असली हथियार?
इस फ्रॉड की सफलता का सबसे बड़ा आधार है—
लोगों का बैंक अधिकारी समझकर OTP बता देना।
साइबर एक्सपर्ट साफ कहते हैं कि बैंक कभी भी:
- OTP
- CVV
- कार्ड नंबर
- पासवर्ड
जैसी गोपनीय जानकारी नहीं मांगता।
लेकिन ठग असली जैसी भाषा और टोन का इस्तेमाल करके लोगों का भरोसा जीत लेते हैं।
कैसे बचें इस नए तरह के क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से?
✔ बिना जांचे किसी लिंक पर क्लिक न करें
किसी भी ऑफर को पहले बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन से सत्यापित करें।
✔ OTP किसी भी परिस्थिति में शेयर न करें
OTP केवल और केवल आपकी सुरक्षा के लिए है। इसे साझा करना खाते को ठगों के हवाले कर देना है।
✔ संदिग्ध कॉल को तुरंत काटें
कॉल करने वाला चाहे कितना भी प्रोफेशनल क्यों न लगे,
फोन पर कार्ड जानकारी देना सबसे बड़ा जोखिम है।
✔ बैंक अलर्ट और सिक्योरिटी फीचर ऑन रखें
SMS अलर्ट, ईमेल नोटिफिकेशन और मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन धोखाधड़ी रोकने में बेहद मददगार हैं।
✔ स्टेटमेंट नियमित रूप से चेक करें
छोटे-छोटे अनजान ट्रांजैक्शन भी बड़े फ्रॉड का संकेत हो सकते हैं।