नए हफ्ते की शुरुआत भारतीय रुपये के लिए अच्छी रही। पिछले हफ्ते रिकॉर्ड गिरावट झेलने के बाद सोमवार को रुपये ने मजबूती के साथ वापसी की। सुबह बाजार खुलते ही यह 49 पैसे चढ़कर 89.17 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। रुपये ने 89.46 के स्तर पर शुरुआत की थी और थोड़े समय में ही अच्छी रिकवरी दर्ज की।
पिछले हफ्ते क्यों टूटा था रुपया?
पिछले सप्ताह घरेलू और विदेशी बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला था। वैश्विक बिकवाली और व्यापारिक अनिश्चितता के कारण शुक्रवार को डॉलर की मांग अचानक बढ़ गई। इसके परिणामस्वरूप रुपया लगभग 98 पैसे टूटकर अपने अब तक के सबसे निचले स्तर 89.66 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
डॉलर इंडेक्स स्थिर लेकिन रुपये की रिकवरी तेज
डॉलर इंडेक्स फिलहाल हल्की बढ़त के साथ 100.18 पर बना हुआ है। सामान्यत: डॉलर के मजबूत होने पर रुपये पर दबाव बढ़ता है, लेकिन इस बार स्थिति अलग रही। रुपये को घरेलू बाजार की तेजी और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से बड़ा सपोर्ट मिला।
शेयर बाजार की तेजी ने बढ़ाया भरोसा
सोमवार को घरेलू शेयर बाजार हरे निशान में खुले।
- सेंसेक्स 218.44 अंक बढ़कर 85,450.36 पर पहुंच गया।
- निफ्टी 69.4 अंक चढ़कर 26,137.55 पर खुला।
शेयर बाजार की बढ़त ने निवेशकों को सकारात्मक संकेत दिए और इसका असर रुपये की मजबूती पर भी पड़ा।
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से मिला बड़ा फायदा
ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 0.10% की गिरावट दर्ज की गई और यह 62.50 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। भारत जैसे देश, जो कच्चे तेल पर बड़ी मात्रा में निर्भर है, उनके लिए तेल कीमतों में कमी बेहद फायदेमंद होती है। इससे आयात लागत घटती है और रुपये को मजबूती मिलती है।
एफआईआई की बिकवाली अभी भी जारी
विदेशी निवेशकों ने पिछले कुछ दिनों में लगातार बिकवाली की है। केवल शुक्रवार को ही एफआईआई ने 1,766 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले। हालांकि उनकी यह सतर्कता रुपये पर दबाव बना रही है, लेकिन डॉलर की कमजोरी और क्रूड की राहत ने सोमवार को हालात संतुलित कर दिए।
आगे क्या उम्मीद की जाए?
रुपये की यह शुरुआती बढ़त निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है। हालांकि आने वाले दिनों में रुपये की चाल अंतरराष्ट्रीय बाजार, विदेशी निवेश और कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करेगी। फिलहाल, नए हफ्ते की शुरुआत भारतीय रुपये के लिए मजबूत और उत्साहजनक मानी जा रही है।