राजवीर जवंदा केस: इलाज में लापरवाही पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट सख्त, केंद्र और राज्यों को भेजा नोटिस

पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के मशहूर सिंगर राजवीर जवंदा की सड़क हादसे में हुई मौत का मामला अब अदालत तक पहुंच गया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान इस घटना पर गंभीर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ प्रशासन और नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।


हादसे के बाद इलाज न मिलने पर सवाल

यह याचिका सीनियर एडवोकेट नवकिरन सिंह द्वारा दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि सड़क हादसे के तुरंत बाद राजवीर जवंदा को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाया।
उनका कहना है कि जिस निजी अस्पताल में गायक को भर्ती कराया गया, वहां न तो फर्स्ट एड दी गई और न ही इमरजेंसी के लिए कोई मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई गई।


अदालत में उठी बड़ी मांग

याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए निजी अस्पतालों में रोड एक्सीडेंट मरीजों के इलाज के लिए एक मजबूत प्रणाली बनाई जाए
इस सिस्टम में यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी मरीज को उसकी आर्थिक स्थिति या पहचान के आधार पर इलाज से वंचित न किया जाए।


घटनास्थल पर जाकर की जांच

एडवोकेट नवकिरन सिंह ने बताया कि उन्हें शुरुआत में यह नहीं पता था कि हादसा पिंजौर में हुआ है, इसलिए उन्होंने पहले हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
बाद में सटीक जानकारी मिलने पर वे खुद एक पत्रकार के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। वहां उन्होंने स्थिति का निरीक्षण किया और डेली डायरी रिपोर्ट (DDR) की कॉपी भी हासिल की।


अदालत ने मांगा जवाब, अगली सुनवाई तय

हाईकोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों से कहा है कि वे अगली सुनवाई से पहले यह बताएं कि रोड एक्सीडेंट पीड़ितों को समय पर इलाज दिलाने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं

राजवीर जवंदा की मौत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारे अस्पतालों में आपात स्थिति से निपटने की पर्याप्त तैयारी है?
अब निगाहें अदालत के अगले कदम और सरकारों की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।

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