UPSC ने मनाया शताब्दी वर्ष का शुभारंभ, नया लोगो और नई पहल की हुई शुरुआत

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने अपने गौरवशाली 100 साल पूरे कर लिए हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर आयोग ने शताब्दी वर्ष का शुभारंभ बड़े ही उत्साह और जोश के साथ किया। इस मौके पर आयोग के चेयरमैन डॉ. अजय कुमार ने न सिर्फ नया लोगो जारी किया, बल्कि पहली बार सिविल सेवा अभ्यर्थियों के साथ एक लाइव वर्चुअल टाउनहॉल का आयोजन भी किया।


नया लोगो: जिम्मेदारी और समर्पण का प्रतीक

शताब्दी वर्ष की शुरुआत के मौके पर जारी किया गया नया लोगो आयोग की मूल भावना और जिम्मेदारियों को प्रदर्शित करता है। लोगो के केंद्र में राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक स्तंभ) को जगह दी गई है, जो राष्ट्र की सेवा, कर्तव्य और अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है। इसके चारों ओर बरगद के पत्तों की माला बनाई गई है, जो ज्ञान, धैर्य और दीर्घायुता का प्रतीक मानी जाती है। लोगो के नीचे अंकित शब्द ‘संग लोक सेवा’ आयोग की कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्र के प्रति समर्पण को दर्शाते हैं।


विशेष शताब्दी लोगो की झलक

UPSC ने एक विशेष शताब्दी लोगो भी पेश किया है। इसमें तरंग के आकार की आकृति दिखाई गई है, जो आयोग की 100 साल की यात्रा की प्रगतिशीलता और समय के साथ बदलने की क्षमता को दर्शाती है। इस लोगो में ‘100’ अंक के अंतिम ‘0’ के भीतर UPSC का प्रतीक शामिल किया गया है। यह न सिर्फ शताब्दी वर्ष का जश्न है बल्कि भारत की प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत बनाने में आयोग की भूमिका की भी याद दिलाता है।


नई पहल – “My UPSC Interview”

इस अवसर पर आयोग ने एक अनूठी पहल शुरू की है, जिसका नाम है – “My UPSC Interview: From Dream to Reality”। इस पोर्टल (innovateindia.mygov.in/upsc/) के माध्यम से वर्तमान और पूर्व सिविल सेवकों को आमंत्रित किया गया है कि वे अपने इंटरव्यू से जुड़े अनुभव साझा करें।

यह पहल 31 दिसंबर 2025 तक जारी रहेगी। चुने गए अनुभवों को संकलित कर 2026 में शताब्दी वर्ष के दौरान प्रकाशित किया जाएगा। इसका उद्देश्य नए अभ्यर्थियों को प्रेरित करना और उन्हें इंटरव्यू प्रक्रिया की गहराई से समझ प्रदान करना है।


UPSC का शताब्दी वर्ष – नई ऊर्जा और संकल्प

आयोग ने साफ किया कि यह शताब्दी वर्ष केवल अतीत की उपलब्धियों का जश्न नहीं है, बल्कि यह भविष्य की ओर एक नया कदम भी है। नए लोगो और पहल से UPSC ने यह संदेश दिया है कि वह बदलते समय के साथ निरंतर आगे बढ़ता रहेगा और भारत की प्रशासनिक व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाएगा।

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