TCS में छंटनी का मामला गरमाया, 2,500 कर्मचारियों पर गिरी गाज
देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विस कंपनियों में शामिल टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) एक बार फिर छंटनी को लेकर चर्चा में है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने अपने पुणे कैंपस में करीब 2,500 कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। इसको लेकर आईटी कर्मचारियों की यूनियन नसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर जांच की मांग की है।
कर्मचारियों की बढ़ी मुश्किलें
यूनियन का कहना है कि अचानक हुई छंटनी से आईटी सेक्टर के कर्मचारियों के बीच डर और अनिश्चितता का माहौल है। खासकर 40 साल से ऊपर उम्र वाले कर्मचारियों के लिए यह संकट और गहरा है। उनके पास EMI, बच्चों की पढ़ाई और परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ है। यूनियन के अनुसार, नौकरी की सुरक्षा पर भरोसा कर भविष्य की योजना बनाने वाले कर्मचारी अब पूरी तरह निराश हो चुके हैं।
सोशल मीडिया पर उठा मामला
इस मुद्दे पर कई पूर्व कर्मचारियों ने भी सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं। उनका कहना है कि TCS ने जिस तरीके से कर्मचारियों को बाहर किया है, वह अनुचित और अपारदर्शी है। इन पोस्ट्स से यह भी संकेत मिलता है कि असल में प्रभावित कर्मचारियों की संख्या रिपोर्ट से कहीं ज्यादा हो सकती है।
पहले भी घटाया गया वर्कफोर्स
याद दिला दें कि इस साल की शुरुआत में ही TCS ने ग्लोबल लेवल पर 2% वर्कफोर्स घटाने का ऐलान किया था। कंपनी ने इसे अपने रीस्ट्रक्चरिंग प्लान का हिस्सा बताया था। हालांकि, अब जब पुणे कैंपस में इतने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को बाहर किया गया है, तब कंपनी की नीतियों पर सवाल उठने लगे हैं।
यूनियन की मांग
NITES ने सरकार से अपील की है कि कर्मचारियों के साथ हो रहे इस व्यवहार पर तुरंत रोक लगाई जाए। यूनियन ने औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के तहत कर्मचारियों के अधिकारों को लागू करने और TCS मैनेजमेंट को जवाबदेह ठहराने की मांग की है।