भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। एनडीए के प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन ने भारी मतों से जीत दर्ज करते हुए विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को पीछे छोड़ दिया। राधाकृष्णन अब देश के 15वें उपराष्ट्रपति बनेंगे। सूत्रों के अनुसार, वह 12 सितंबर को शपथ ग्रहण करेंगे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी।
चुनावी तस्वीर
उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 788 सांसदों में से 767 ने वोट डाला। इनमें राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट ही हासिल हो पाए। इस तरह राधाकृष्णन को 152 मतों की बड़ी बढ़त मिली।
विपक्ष से भी मिला समर्थन
विशेषज्ञों के अनुसार, इस चुनाव में विपक्ष के कुछ सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की। यही वजह रही कि राधाकृष्णन को उम्मीद से कहीं अधिक समर्थन मिला और एनडीए की स्थिति और भी मजबूत हो गई।
नेताओं की प्रतिक्रियाएं
जीत की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने राधाकृष्णन को व्यक्तिगत रूप से बधाई दी। उनकी मुलाकात केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी के घर हुई। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी बधाई संदेश भेजते हुए लिखा कि राधाकृष्णन का अनुभव उपराष्ट्रपति पद को और अधिक गरिमा प्रदान करेगा।
अचानक खाली हुई थी कुर्सी
उपराष्ट्रपति का पद जुलाई में खाली हो गया था, जब जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था। इसके बाद 50 दिन तक यह पद रिक्त रहा और अब एनडीए उम्मीदवार ने चुनाव जीतकर इस खालीपन को भर दिया है।
राधाकृष्णन की राजनीतिक यात्रा
67 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। उन्होंने अपने राजनीतिक और सामाजिक जीवन में कई अहम भूमिकाएं निभाई हैं। अब उपराष्ट्रपति के रूप में उन्हें राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करना होगा और संसद में बेहतर संवाद स्थापित करना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी होगी।
देश की नजरें नई जिम्मेदारी पर
देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में राधाकृष्णन के सामने चुनौतियां भी होंगी और अवसर भी। संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच संवाद की कड़ी बनने के साथ-साथ उन्हें संसदीय मर्यादा को और मजबूत करने की जिम्मेदारी निभानी होगी। उनकी जीत ने यह साबित कर दिया है कि संसद का बड़ा हिस्सा उनके अनुभव और नेतृत्व पर भरोसा करता है।