सतलुज नदी के उफान ने पंजाब में हालात बिगाड़ दिए हैं। लुधियाना जिले के गांव ससराली के पास बने बांध पर पिछले दो दिनों से तेज कटाव जारी है। शुक्रवार तक यह कटाव 16 फुट तक पहुंच गया। नतीजतन कई किसानों के ट्यूबवेल बह गए और पानी नए रिंग बांध तक पहुंच गया, जो अब खुद खतरे में है।
14 गांव और शहर तक पहुंच सकता है पानी
अगर पानी का बहाव इसी तरह जारी रहा तो लुधियाना के 14 गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यह पानी शहरी इलाकों—राहों रोड, टिब्बा रोड, ताजपुर रोड, नूरवाला रोड और समराला चौक—तक भी पहुंच सकता है। साहनेवाल के धनांसू इलाके में भी बाढ़ का पानी घुसने का अंदेशा है। इस आपदा से लगभग 50 हजार लोग प्रभावित हो सकते हैं। स्थिति को संभालने के लिए आर्मी और एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं।
होशियारपुर में एंबुलेंस हादसा, तीन की मौत
इसी बीच होशियारपुर में एक बड़ा हादसा हुआ। चिंतपूर्णी-धर्मशाला नेशनल हाईवे पर मगुवाल गांव के पास मरीज को लेकर जा रही एंबुलेंस खाई में गिर गई। हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया।
हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि अब तक 21,929 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला गया है। राहत के लिए 196 कैंप बनाए गए हैं, जिनमें 7,108 लोग रह रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित फाजिल्का (2,548 लोग), होशियारपुर (1,041), फिरोजपुर (776) और पठानकोट (693) हैं।
43 लोगों की मौत, फसलों को भारी नुकसान
4 सितंबर तक राज्य के 14 जिलों में 43 लोगों की मौत दर्ज की गई है। इसके अलावा करीब 1.72 लाख हेक्टेयर फसल बाढ़ की चपेट में आ गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 23 जिले और 1,948 गांव प्रभावित हुए हैं और करीब 3.84 लाख लोग सीधा असर झेल रहे हैं।
ऐतिहासिक मंदिर और बुजुर्गों की सुरक्षा पर ध्यान
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने नंगल के प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर की सुरक्षा के लिए 1.27 करोड़ रुपये जारी करने की घोषणा की है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा विभाग ने बताया कि अब तक 479 बुजुर्गों को जिला प्रशासन और रेड क्रॉस की मदद से सहायता दी जा रही है।