लगातार हो रही बारिश और पहाड़ों से छोड़े गए पानी ने कई राज्यों में हालात बिगाड़ दिए हैं। पंजाब, दिल्ली, बिहार, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर समेत कई हिस्सों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। केंद्रीय जल आयोग (CWC) की रिपोर्ट के अनुसार, देश की 24 नदियां गंभीर बाढ़ की स्थिति में हैं और 33 नदियों का जलस्तर सामान्य से ऊपर है।
पंजाब सबसे ज्यादा प्रभावित
पंजाब इस समय 37 साल बाद सबसे भयानक बाढ़ का सामना कर रहा है। राज्य के सभी 23 जिलों में पानी भर गया है। अब तक 1,655 गांवों में 3.55 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह डूब गई हैं और कई घर जलमग्न हो गए हैं। 1 अगस्त से 3 सितंबर के बीच 37 लोगों की मौत भी दर्ज की गई है। गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला और तरनतारन जैसे जिलों में हालात बेहद गंभीर हैं।
दिल्ली में यमुना बनी मुसीबत
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी बाढ़ से जूझ रही है। यमुना नदी का जलस्तर लगातार खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बना हुआ है। गुरुवार सुबह पुराना लोहा पुल पर जलस्तर 207.31 मीटर मापा गया। यमुना बाजार, कश्मीरी गेट ISBT और निगम बोध घाट जैसे इलाके पानी में डूब गए हैं। अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए जा चुके हैं।
पूर्वी राज्यों में खतरा
पूर्वी भारत भी बाढ़ की मार झेल रहा है। बिहार में गंगा और कोसी नदियां कई जिलों में खतरनाक स्तर पर बह रही हैं। ओडिशा में सुवर्णरेखा, बैतरणी और महानदी उफान पर हैं। CWC का अनुमान है कि अगले एक हफ्ते तक यूपी, बिहार, असम और ओडिशा के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर रह सकती है।
झेलम ने फिर बढ़ाई चिंता
जम्मू-कश्मीर में झेलम नदी बेकाबू हो गई है। दक्षिण कश्मीर और श्रीनगर में हालात बिगड़ गए हैं। 2014 की भीषण बाढ़ की यादें ताजा हो गई हैं, जब 200 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। अब एक बार फिर झेलम नदी लोगों के लिए आफत बन गई है।
डैम और बैराज पर नजर
देशभर में 50 बड़े डैम और बैराज को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में पानी का स्तर बढ़ने से आने वाले दिनों में खतरा और गहरा सकता है। गुजरात में नर्मदा, साबरमती और तापी नदियों में उफान की आशंका है।