पंजाब में बाढ़ से तबाही: लाखों लोग प्रभावित, खेत-खलिहान डूबे

पंजाब में इस बार की बाढ़ ने कहर ढा दिया है। अब तक के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 1.75 लाख हेक्टेयर से ज्यादा खेतों में लगी फसलें पूरी तरह चौपट हो गई हैं। सबसे ज्यादा नुकसान गुरदासपुर जिले में हुआ है, जहाँ 40,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि बर्बाद हो चुकी है। अमृतसर, मानसा, फिरोजपुर और फाजिल्का भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।


लोगों की सुरक्षित निकासी

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, प्रभावित इलाकों से अब तक 20,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। केवल गुरदासपुर से 5,581 लोगों को बाहर निकाला गया। इसके अलावा, फिरोजपुर से 3,495, अमृतसर से 2,734 और फाजिल्का से 2,422 लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया। छोटे जिलों जैसे बरनाला, मोगा, रूपनगर और तरनतारन से भी सैकड़ों लोग निकाले गए हैं।


राहत शिविरों में जिंदगी

राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए 167 राहत कैंप स्थापित किए हैं। इन शिविरों में हजारों लोग अस्थायी तौर पर ठहरे हुए हैं। अब तक लगभग 3.55 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। कैंपों में खाने-पीने का सामान, दवाइयाँ और रोजमर्रा की ज़रूरतें उपलब्ध करवाई जा रही हैं।


मौत और तबाही का सिलसिला

इस प्राकृतिक आपदा ने कई परिवारों को हमेशा के लिए ग़मगीन कर दिया है। अब तक 37 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि पठानकोट के तीन लोग अब भी लापता हैं।

  • होशियारपुर में सबसे अधिक 7 मौतें दर्ज की गईं।
  • पठानकोट में 6 लोग मारे गए।
  • बरनाला में 5 मौतें हुईं।
  • अमृतसर और लुधियाना में 4-4 मौतें हुईं।
  • बठिंडा और मानसा में 3-3 लोग काल का ग्रास बने।
  • वहीं गुरदासपुर, पटियाला, रूपनगर, मोहाली और संगरूर में 1-1 मौत दर्ज की गई।

प्रशासन अलर्ट पर

माल एवं पुनर्वास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने कहा है कि सरकार हर प्रभावित व्यक्ति तक मदद पहुँचाने के लिए गंभीर है। जिला प्रशासन, समाजसेवी संस्थाओं और स्वयंसेवकों की मदद से राहत कार्य लगातार जारी है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से दूर रहें और केवल प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें।

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