पंजाब सहित उत्तर भारत के कई हिस्से इन दिनों बाढ़ की तबाही झेल रहे हैं। टांडा और उसके आसपास का ब्यास क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में गिना जा रहा है। गांवों के घरों से लेकर खेत-खलिहान तक पानी में डूब चुके हैं। इस स्थिति का आकलन करने के लिए पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया खुद मौके पर पहुंचे।
प्रभावित इलाकों का दौरा
राज्यपाल ने टांडा से लगे ब्यास क्षेत्र का दौरा किया और बाढ़ के कारण हुई तबाही का जायज़ा लिया। उनके साथ कमिश्नर हुशियारपुर आशिका जैन, एसएसपी संदीप कुमार मलिक, एसडीएम टांडा परमप्रीत सिंह और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
राहत शिविरों में रह रहे परिवारों से मुलाकात
निरीक्षण के बाद राज्यपाल ने मियानी गांव के राहत शिविर का दौरा किया, जहां सैकड़ों प्रभावित परिवार ठहरे हुए हैं। उन्होंने लोगों से सीधे बात कर उनकी परेशानियां सुनीं और भरोसा दिलाया कि जल्द ही केंद्र और राज्य सरकार मिलकर सहायता पहुंचाएंगी।
केंद्र से पैकेज की मांग
गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का नुकसान आकलन करवाया जाएगा। इसके आधार पर पंजाब के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों और ग्रामीणों के नुकसान की भरपाई के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।
समाजसेवी संगठनों की सराहना
राज्यपाल ने बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में जुटे जिला प्रशासन, सामाजिक संस्थाओं और धार्मिक संगठनों की सेवा भावना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों की बदौलत ही प्रभावित परिवारों को राहत मिल पा रही है।
मांग पत्र सौंपा गया
विधायक जसवीर सिंह राजा ने राज्यपाल को एक मांग पत्र सौंपा, जिसमें फसलों के नुकसान की भरपाई, प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता और बुनियादी ढांचे की मरम्मत की मांग की गई।
राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया का यह दौरा बाढ़ से जूझ रहे लोगों के लिए भरोसा जगाने वाला रहा। अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार पर हैं कि वह पंजाब को कितना शीघ्र और कितना बड़ा राहत पैकेज प्रदान करती है।