टैक्स रिफॉर्म: रोजमर्रा के सामान से लेकर कार और इंश्योरेंस तक सब होगा सस्ता


त्योहारों का मौसम शुरू होने से ठीक पहले केंद्र सरकार ने मिडिल क्लास को राहत देने के लिए जीएसटी ढांचे में बड़ा बदलाव किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में रोजमर्रा के सामान और घरेलू उपकरणों पर टैक्स दरें घटाने का फैसला लिया गया।


दो स्लैब वाला नया जीएसटी सिस्टम

अब देश में सिर्फ दो जीएसटी स्लैब लागू होंगे – 5% और 18%। पहले मौजूद 12% और 28% वाले स्लैब खत्म कर दिए गए हैं। वहीं, तंबाकू और लग्ज़री वस्तुओं को छोड़कर अधिकांश उत्पाद सस्ते हो जाएंगे। इन बदलावों का असर 22 सितंबर 2025 से दिखना शुरू हो जाएगा।


खाने-पीने और किचन के सामान पर राहत

आटा, पराठा, पिज़्ज़ा ब्रेड, पनीर और दूध जैसे फूड प्रोडक्ट्स अब टैक्स-फ्री हो गए हैं। मक्खन, घी, जैम, सॉस, नमकीन, चॉकलेट, बिस्किट और सूखे मेवे जैसी चीज़ों पर सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा। इससे हर घर के मासिक बजट में बड़ी बचत होगी।


पर्सनल केयर और घरेलू सामान भी सस्ते

शैम्पू, हेयर ऑयल, टूथपेस्ट और कंघी जैसे पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स अब 18% की बजाय 5% टैक्स स्लैब में होंगे। बर्तन, छाते, किचनवेयर और बांस से बने फर्नीचर पर भी टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है।


इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीरो टैक्स

सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी पूरी तरह खत्म कर दिया है। पहले इस पर 18% टैक्स देना पड़ता था। अब सभी प्रकार की बीमा पॉलिसी टैक्स-फ्री होंगी। इससे पॉलिसी खरीदना आसान होगा और बीमा कवरेज बढ़ेगा। साथ ही कैंसर और रेयर डिजीज की 30 से ज्यादा दवाइयाँ भी जीएसटी मुक्त होंगी।


ऑटो सेक्टर को राहत

मिडिल क्लास परिवारों के लिए खुशखबरी यह भी है कि छोटी कारें और 350 सीसी तक की बाइक्स अब सस्ती हो जाएंगी। 28% की जगह इन पर सिर्फ 18% टैक्स लगेगा। इसका फायदा मारुति ऑल्टो, स्विफ्ट, हुंडई आई-10 और टाटा पंच जैसी गाड़ियों पर मिलेगा। हालांकि, लग्ज़री कारों पर टैक्स 40% तक बढ़ा दिया गया है।


उद्योगों और रोजगार पर असर

सरकार का कहना है कि इस सुधार से न केवल उपभोक्ताओं की जेब हल्की होगी बल्कि उनकी खरीद क्षमता (Purchasing Power) भी बढ़ेगी। इससे श्रम-प्रधान उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार अवसर पैदा होंगे।


सरकार का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीएसटी सुधारों का मकसद आम आदमी की जिंदगी को आसान बनाना है। वित्त मंत्री ने भी दोहराया कि इन फैसलों का सबसे बड़ा लाभ मिडिल क्लास, किसान, एमएसएमई और युवा वर्ग को मिलेगा।

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