हिमाचल में बरपा बादलों का कहर: भूस्खलन और बाढ़ से जनजीवन ठप, अब तक 5 मौतें

हिमाचल प्रदेश मंगलवार को भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा से जूझता दिखा। मूसलाधार बारिश ने कई जिलों में तबाही मचा दी, जिससे मकान गिरने और भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं। इस दौरान 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1,300 से अधिक सड़कें बंद होने से पूरे प्रदेश में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ।

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
स्थानीय मौसम केंद्र ने कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और किन्नौर जिलों में भारी बारिश की आशंका जताते हुए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। वहीं ऊना और बिलासपुर जिलों के लिए ‘येलो अलर्ट’ घोषित किया गया है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क और सुरक्षित रहने की अपील की है।

सोलन और कुल्लू में हादसे
सोलन जिले के समलोह गांव में सोमवार रात भारी बारिश के कारण एक मकान गिर गया। इस हादसे में महिला हेमलता की मौत हो गई, जबकि परिवार के अन्य सदस्य घायल हो गए। इसी तरह कुल्लू जिले में ढालपुर क्षेत्र में एक मकान के ढहने से एक महिला की जान चली गई।

सरकार ने घोषित किया आपदा प्रभावित राज्य
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश को ‘आपदा प्रभावित राज्य’ घोषित कर दिया है। उन्होंने घोषणा की कि जिनके घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, उन्हें 7 लाख रुपये की सहायता मिलेगी। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 1 लाख रुपये और घर का सामान नष्ट होने पर 70,000 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे।

शिमला में स्कूल-कॉलेज बंद
भूस्खलन के खतरे को देखते हुए शिमला जिले में सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है। आदेश के मुताबिक, शिक्षकों और स्टाफ को भी छूट दी गई है और पढ़ाई फिलहाल ऑनलाइन होगी।

सड़कें और यात्राएं प्रभावित
भूस्खलन के कारण शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई अहम सड़कें बंद हो गई हैं। इसका असर सेब उत्पादकों पर भी पड़ा है, क्योंकि वे अपनी फसल को मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे। वहीं, चंबा में मणिमहेश यात्रा के लगभग 5,000 श्रद्धालु फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने के प्रयास जारी हैं।

भारी बारिश का रिकॉर्ड और नुकसान का अनुमान
मौसम विभाग ने बताया कि नैना देवी में 198.2 मिमी और मनाली में 89 मिमी बारिश दर्ज की गई। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) ने जानकारी दी कि मानसून शुरू होने से अब तक 340 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और करीब 3,158 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।


हिमाचल में हालात अब भी चिंताजनक हैं। सरकार राहत और बचाव कार्य तेज़ी से कर रही है, लेकिन लगातार बारिश और अवरुद्ध सड़कों के कारण चुनौती बढ़ रही है। लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और प्रशासन की सलाह का पालन करें।

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