LIC ने सरकार को सौंपा 7,324 करोड़ रुपये का डिविडेंड

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने एक बार फिर सरकार को बड़ा आर्थिक सहारा दिया है। शुक्रवार (29 अगस्त) को कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 7,324.34 करोड़ रुपये का डिविडेंड चेक सरकार को सौंपा। यह रकम कंपनी के सालाना मुनाफे में से शेयरधारकों को वितरित किए गए लाभांश का हिस्सा है।

वित्त मंत्री को सौंपा गया चेक

नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में एलआईसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक आर. दोरईस्वामी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को डिविडेंड चेक सौंपा। इस दौरान वित्तीय सेवा विभाग के सचिव नागराजू एम. और संयुक्त सचिव प्रशांत कुमार गोयल समेत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। एलआईसी की ओर से मैनेजिंग डायरेक्टर्स सतपाल भानु, दिनेश पंत, रत्नाकर पटनायक और उत्तरी क्षेत्र के जोनल मैनेजर जे.पी.एस. बजाज भी शामिल रहे।

96% हिस्सेदारी सरकार के पास

एलआईसी भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है और इसमें सरकार की हिस्सेदारी करीब 96% है। सरकार के पास इसके लगभग 610 करोड़ शेयर हैं। एलआईसी ने इस बार 12 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से डिविडेंड घोषित किया, जिससे अकेले सरकार को 7,324 करोड़ रुपये का फायदा मिला है।

56 लाख करोड़ से अधिक का एसेट बेस

एलआईसी ने बताया कि 31 मार्च 2025 तक उसका एसेट बेस 56.23 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। कंपनी का कहना है कि वह आने वाले वर्षों में डिजिटल सेवाओं और ग्राहक अनुभव पर और अधिक ध्यान देगी। यह भी उल्लेखनीय है कि एलआईसी जल्द ही अपने 69 वर्ष पूरे करने जा रही है।

शेयर बाजार में दबाव

हालांकि कंपनी का डिविडेंड निवेशकों के लिए राहत की खबर है, लेकिन शेयर बाजार में इसका असर सकारात्मक नहीं दिखा। शुक्रवार को एलआईसी का शेयर 853.65 रुपये पर बंद हुआ। बीते एक हफ्ते में इसके दाम 4.85% गिरे हैं, जबकि एक महीने में 4.34% का नुकसान दर्ज किया गया है। साल की शुरुआत से अब तक इसमें 4.47% की गिरावट आ चुकी है।

लंबे समय का रिटर्न बेहतर

शॉर्ट टर्म में दबाव के बावजूद, एलआईसी ने लंबे समय में निवेशकों को फायदा भी दिया है। पिछले तीन सालों में इसके शेयरों ने 25.53% तक का रिटर्न दिया है। हालांकि, पिछले एक साल में कंपनी के स्टॉक में 21.42% तक की गिरावट आई है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ी है।

सरकार के लिए राहत

विश्लेषकों का कहना है कि एलआईसी से मिलने वाला यह डिविडेंड सरकार के वित्तीय घाटे को कम करने में मदद करेगा। वहीं, निवेशकों की नजर कंपनी की भविष्य की रणनीति और मार्केट परफॉर्मेंस पर टिकी हुई है। फिलहाल, डिविडेंड की यह बड़ी रकम एलआईसी की वित्तीय मजबूती और सरकार के लिए इसकी अहमियत दोनों को दर्शाती है।


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