पीएम मोदी की जापान यात्रा, तकनीक और साझेदारी पर बनी सहमति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दो दिवसीय यात्रा पर जापान पहुंचे। यहां उनकी मुलाकात जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा से हुई, जिसमें द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया। टोक्यो में हुई इस शिखर वार्ता को भारत-जापान संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है।

मोदी और इशिबा ने तकनीक, रक्षा और सुरक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने की बात की। दोनों देशों ने अगले दस सालों के लिए एक रोडमैप भी तैयार किया है, जिसके तहत संयुक्त परियोजनाओं और रणनीतिक साझेदारी पर काम होगा। मोदी ने कहा कि बदलते वैश्विक हालात में भारत और जापान को एक-दूसरे की ताकत का सही इस्तेमाल करना चाहिए।

यात्रा के पहले दिन प्रधानमंत्री ने इंडिया-जापान बिजनेस फोरम को भी संबोधित किया। यहां उन्होंने कहा कि जापान की तकनीक और भारत की प्रतिभा मिलकर इस सदी की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर सकती हैं। मोदी ने निवेशकों और कंपनियों को भारत में नवाचार और विकास की नई संभावनाओं का हिस्सा बनने का निमंत्रण दिया।

यात्रा का एक अहम हिस्सा उन फैक्ट्रियों का दौरा है, जिनमें से एक में E10 शिंकानसेन बुलेट ट्रेन का प्रोटोटाइप तैयार किया जा रहा है। भारत भविष्य में इस तकनीक को अपनाने की तैयारी में है और इसे दोनों देशों की साझेदारी का प्रतीक माना जा रहा है।

मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते व्यापार और टैरिफ नीतियों के कारण कुछ तनावपूर्ण हो गए हैं। ऐसे में जापान के साथ रिश्तों की मज़बूती भारत के लिए रणनीतिक संतुलन का काम कर सकती है।

जापान के बाद प्रधानमंत्री मोदी चीन के तियानजिन शहर जाएंगे, जहां वे 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस बहुपक्षीय मंच पर भी भारत की सक्रिय भूमिका की उम्मीद है।

मोदी की जापान यात्रा न सिर्फ तकनीकी सहयोग बल्कि एशिया में नई रणनीतिक साझेदारी की दिशा भी तय करती दिख रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *