पंजाब के औद्योगिक शहर में लगातार चार दिनों से हो रही बारिश ने बिजली व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया। नतीजा यह हुआ कि हजारों घर अंधेरे में डूब गए और पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन (पावरकॉम) पर शिकायतों की बाढ़ आ गई।
सिस्टम को भारी झटका
शनिवार देर रात हुई भारी बारिश ने बिजली विभाग का पूरा ढांचा हिला दिया।
- 42 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए।
- 11 बिजली के खंभे टूट गए।
- कई 11000 केवी और 66 केवी लाइनों में तकनीकी खराबी आ गई।
- विभाग को लगभग 1.5 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा।
शिकायतों का अंबार
लोगों को जब-जब बिजली गुल हुई, उन्होंने हेल्पलाइन और विभाग से संपर्क किया। नतीजा यह रहा कि शिकायतों की संख्या 1 लाख से ऊपर पहुंच गई। यह आंकड़ा विभाग के लिए भी चौंकाने वाला था।
छुट्टी के दिन भी उतरे अफसर
इतने बड़े संकट के बीच विभागीय अफसरों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई। मुख्य इंजीनियर जगदेव सिंह हांस रविवार को छुट्टी होने के बावजूद सड़कों पर उतरे। उन्होंने खुद अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर अलग-अलग इलाकों का दौरा किया और मरम्मत कार्य का जायज़ा लिया।
उनके साथ डिप्टी चीफ इंजीनियर (पूर्वी) सुरजीत सिंह और डिप्टी चीफ इंजीनियर (पश्चिमी) कुलविंदर सिंह भी मौजूद रहे।
दिन-रात काम, बिना रुके
पावरकॉम की टीमें लगातार 24 घंटे ड्यूटी पर रहीं। बारिश और पानी से भरे हालातों के बावजूद कर्मचारियों ने बिना आराम किए मरम्मत कार्य किया।
- सभी 42 ट्रांसफार्मर दोबारा लगाए गए।
- टूटे 11 खंभों को बदल दिया गया।
- शिकायतों के अंबार को तय समय सीमा में निपटा दिया गया।
“लोग चैन से सोएं”
मुख्य इंजीनियर हांस ने कहा कि टीम का मकसद सिर्फ इतना था कि लोग अपने घरों में चैन से सो सकें। उन्होंने माना कि काम मुश्किल था, लेकिन कर्मचारियों ने चुनौतियों के बावजूद एक नया रिकॉर्ड बनाया है।
नुकसान के बाद भी राहत प्राथमिकता
विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है, लेकिन प्राथमिकता लोगों को राहत देना रही। अब पावरकॉम स्थायी मरम्मत और ढांचे को मजबूत करने की योजना पर काम कर रहा है।
जनता ने की सराहना
शहर के लोगों ने पावरकॉम की टीम की जमकर तारीफ की। उनका कहना था कि मुश्किल हालात में जिस तरह अफसर और कर्मचारी सड़कों पर उतरे और बिजली बहाल की, वह काबिल-ए-तारीफ है।