राजधानी पटना शुक्रवार (29 अगस्त 2025) को राजनीतिक जंग का अखाड़ा बन गया। सदाकत आश्रम स्थित कांग्रेस कार्यालय के बाहर बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। मामला इतना बिगड़ा कि दोनों ओर से लाठी-डंडों और ईंट-पत्थरों का इस्तेमाल किया गया। इस झड़प में कई कार्यकर्ता घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
दरअसल विवाद की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कांग्रेस मंच से किए गए आपत्तिजनक बयान से हुई। इस बयान का विरोध करते हुए बीजेपी कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को पटना में कुर्जी अस्पताल से मार्च निकाला और कांग्रेस कार्यालय तक पहुंचे। मार्च में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे। इस दौरान प्रदेश सरकार के मंत्री संजय सरावगी और नितिन नवीन भी प्रदर्शनकारियों के साथ मौजूद रहे।
कांग्रेस दफ्तर के बाहर बीजेपी कार्यकर्ता नारेबाज़ी कर रहे थे। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था – “मां का अपमान, कांग्रेस की पहचान” और “मां का अपमान नहीं सहेगा बिहार”। प्रदर्शन के बीच बीजेपी कार्यकर्ता कांग्रेस दफ्तर के भीतर घुसने की कोशिश करने लगे। यही वह पल था जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोकने का प्रयास किया और विवाद टकराव में बदल गया।
कुछ ही देर में दोनों दलों के बीच कहासुनी से शुरू हुआ विवाद हिंसा में तब्दील हो गया। बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ता एक-दूसरे पर लाठी भांजने लगे और पत्थर फेंकने लगे। मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। राहगीरों को भी वहां से भागना पड़ा।
लाठी-डंडों और पत्थरबाज़ी की इस भिड़ंत में कई लोग घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए नजदीकी कुर्जी अस्पताल भेजा गया। दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर हमले का आरोप लगाया।
स्थिति बिगड़ते देख मौके पर मौजूद पुलिस ने बीच-बचाव की कोशिश की लेकिन कार्यकर्ता किसी भी सूरत में पीछे हटने को तैयार नहीं थे। इसके बाद लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी पहुंचे और पुलिस बल ने सख्ती दिखाते हुए भीड़ को नियंत्रित किया। काफी मशक्कत के बाद माहौल शांत हुआ।
इस पूरे घटनाक्रम ने पटना में राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जानबूझकर हिंसा की, जबकि कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी समर्थक जबरदस्ती कार्यालय में घुसना चाहते थे। अब दोनों दल एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पटना में शुक्रवार का यह राजनीतिक बवाल दिखाता है कि बिहार की राजनीति में तनाव किस हद तक बढ़ चुका है। आने वाले दिनों में यह विवाद और भी बड़ा रूप ले सकता है।