गुरुवार को भारतीय शेयर बाजारों में सुबह हल्की बढ़त देखने को मिली थी, लेकिन दोपहर तक निवेशकों की भारी बिकवाली के कारण बाजार गहराई तक लुढ़क गया। विश्लेषकों का कहना है कि इसका मुख्य कारण अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 25 प्रतिशत आयात शुल्क है। इससे भारत को अब कुल 50% ड्यूटी का सामना करना पड़ रहा है।
सेंसेक्स और निफ्टी का हाल
दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद बीएसई सेंसेक्स 705 अंक गिरकर 80,080 पर बंद हुआ। यह 0.87% की गिरावट है।
वहीं, एनएसई निफ्टी 211 अंक फिसलकर 24,500 के स्तर पर आ गया। बैंकिंग शेयरों पर सबसे ज्यादा दबाव दिखा और बैंक निफ्टी 630 अंक टूटकर 53,820 पर बंद हुआ, जो तीन महीने का न्यूनतम स्तर है।
किन शेयरों में तेजी और गिरावट
गिरावट भरे बाजार में भी कुछ शेयर मजबूती दिखा सके।
- बढ़त वाले शेयर: टाइटन, एलएंडटी, मारुति, एक्सिस बैंक, रिलायंस, एशियन पेंट्स और बजाज फाइनेंस।
- गिरावट वाले शेयर: एचसीएल टेक, इन्फोसिस, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, पावरग्रिड और हिंदुस्तान यूनिलीवर।
क्यों टूटा बाजार?
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ का असर भारतीय कंपनियों पर सीधे तौर पर पड़ रहा है। इससे निवेशकों ने आईटी और बैंकिंग सेक्टर से पैसा निकालना शुरू कर दिया।
एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, टीसीएस और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे दिग्गज शेयरों में गिरावट आई, जबकि इंफ्रास्ट्रक्चर और पेंट सेक्टर में हल्की खरीदारी बनी रही।
वैश्विक बाजारों से मिले संकेत
- जापान का निक्केई, चीन का शंघाई कंपोजिट और दक्षिण कोरिया का कोस्पी सकारात्मक बंद हुए।
- वहीं, हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहा।
अमेरिकी शेयर बाजार भी बुधवार को नकारात्मक बंद हुए, जिससे निवेशकों का भरोसा और कमजोर हुआ।
कच्चे तेल और निवेशकों की भूमिका
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.76% गिरकर 67.53 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
मंगलवार को विदेशी निवेशकों (FII) ने 6,516 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 7,060 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।