गाज़ा में भूख से लड़ते लोग, मदद के नए प्रयास में अफरा-तफरी और मौत

गाज़ा में भूख से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए एक नई राहत योजना शुरू की गई है, लेकिन यह योजना शुरुआत में ही भारी संकट और त्रासदी का शिकार बन गई है। अमेरिका और इज़राइल के समर्थन से शुरू की गई गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) नाम की संस्था अब यूनाइटेड नेशंस (UN) के ज़रिए दी जा रही मदद की जगह ले रही है। इस फाउंडेशन का उद्देश्य लंबे समय से जारी इज़राइली घेराबंदी से पैदा हुई भुखमरी को कम करना है।

राहत की उम्मीद में मौत का सामना

GHF की ओर से गाज़ा के दक्षिणी हिस्से में राहत सामग्री बांटी जा रही है। लेकिन बीते कुछ दिनों में, जब लोग खाने की तलाश में राहत केंद्रों की ओर जा रहे थे, उस समय दर्जनों फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए। रफ़ा नामक इलाके में तीन दिनों के दौरान (रविवार, सोमवार और मंगलवार) इज़राइली सेना पर आरोप है कि उन्होंने आम नागरिकों पर गोलीबारी की।

सेना की सफाई और सवाल

इज़राइली सेना ने सोमवार और मंगलवार को कहा कि उन्होंने “संदिग्ध लोगों” पर “चेतावनी भरी गोलीबारी” की थी, जो एक सैन्य चौकी की ओर बढ़ रहे थे। वहीं रविवार को हुई घटना पर सेना ने कहा कि उन्होंने सहायता केंद्र के पास या अंदर किसी भी नागरिक पर गोली नहीं चलाई, लेकिन एक अधिकारी ने माना कि लगभग एक किलोमीटर दूर कुछ लोगों पर फायरिंग हुई थी।

इन घटनाओं के बाद GHF ने घोषणा की कि बुधवार को सभी वितरण केंद्र बंद रहेंगे, ताकि भीड़ को सही ढंग से संभालने की तैयारी की जा सके और इज़राइली सेना सहायता केंद्रों तक जाने वाले रास्तों को सुरक्षित बना सके।


गाज़ा में खाने की स्थिति कितनी गंभीर?

मार्च की शुरुआत में इज़राइल ने गाज़ा में सभी मानवीय सहायता बंद कर दी थी। सरकार का मकसद था कि हमास युद्धविराम की नई शर्तों को माने और अक्टूबर 2023 में किए गए आतंकी हमले में पकड़े गए बंधकों को छोड़े। इस निर्णय के कारण 11 हफ्तों तक कोई भी राहत सामग्री गाज़ा नहीं पहुंच पाई और वहां 21 लाख की आबादी भुखमरी के कगार पर पहुंच गई।

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल के अंत तक हर पांच में से एक व्यक्ति भुखमरी झेल रहा था, और पूरा गाज़ा क्षेत्र अकाल की ओर बढ़ रहा था।

अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद दो हफ्ते पहले इज़राइल ने राहत सामग्री आने की थोड़ी छूट दी, जिससे UN और GHF दोनों के ज़रिए सीमित मात्रा में मदद पहुंचने लगी। लेकिन फिलिस्तीनी अधिकारियों और राहत संगठनों का कहना है कि यह मदद ज़रूरतों की तुलना में बहुत कम है।


राहत केंद्रों पर अफरातफरी

GHF द्वारा पहले दिन की मदद की शुरुआत बीते मंगलवार को दक्षिणी गाज़ा में हुई थी। लेकिन यहां भी हालात बिगड़ गए। हजारों लोग राहत सामग्री लेने पहुंच गए, जिसके बाद इज़राइली सैनिकों ने हवा में फायरिंग की और अमेरिकी ठेकेदारों को कुछ समय के लिए साइट छोड़नी पड़ी।


गाज़ा में भुखमरी की जड़ें गहरी हैं

गाज़ा में भूख की स्थिति केवल मौजूदा संकट तक सीमित नहीं है। अक्टूबर 2023 से पहले भी गाज़ा पर इज़राइल और मिस्र की ओर से आंशिक घेराबंदी थी। इस कारण पहले से ही 63% आबादी खाद्य असुरक्षा झेल रही थी। जब से हमास ने हमला किया है, तब से हालात और भी खराब हो गए हैं।


गाज़ा में लाखों लोगों की जिंदगी अब राहत सामग्री पर निर्भर है। लेकिन यह राहत भी अब खतरनाक हो चुकी है, क्योंकि जहां उम्मीद होती है, वहीं गोलीबारी और मौत भी है। GHF की नई योजना लोगों को राहत देने के लिए शुरू की गई है, लेकिन जब तक सुरक्षा, समन्वय और पर्याप्त सामग्री नहीं मिलेगी, तब तक यह राहत भरी योजना एक और संकट में बदल सकती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को न केवल मदद भेजनी होगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यह मदद सुरक्षित और समय पर भूखे लोगों तक पहुंचे

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