आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब में युवाओं को राजनीति से जोड़ने की नई रणनीति अपनाई है। पार्टी का कहना है कि नौजवान ही राजनीति को साफ-सुथरा और मुद्दा आधारित बना सकते हैं। इसी मकसद से अब AAP कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर छात्र संगठन खड़ा करेगी।
कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में बनेगी नई इकाई
अब तक AAP के पास केवल एक राज्य स्तरीय छात्र इकाई एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (ASAP) थी। लेकिन अब पार्टी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्र विंग बनाएगी। यह कदम युवाओं को आकर्षित करने के साथ-साथ उन्हें राजनीति की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास होगा।
नए चेहरों को राजनीति में लाने की तैयारी
AAP का मानना है कि छात्रों के जरिए भविष्य के नेता तैयार किए जा सकते हैं। ये युवा आने वाले वक्त में न सिर्फ पार्टी बल्कि पूरे पंजाब की राजनीति में अहम योगदान देंगे। इस पहल से पार्टी को नई ऊर्जा और नेतृत्व मिलेगा।
2017 से 2022 तक का सफर
AAP ने 2017 में लोक इन्साफ पार्टी के साथ मिलकर पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा और 20 सीटें जीतीं। 2022 के चुनाव तक पार्टी ने अपना संगठन मजबूत किया और कार्यकर्ताओं की मेहनत के दम पर 79 प्रतिशत वोट बैंक हासिल कर बहुमत से सरकार बनाई। यह जीत पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि रही।
2027 के चुनावों से पहले तेज हुई तैयारियां
2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए AAP ने संगठन को दोबारा मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है। पार्टी के मुख्य विंग, युवा विंग, महिला विंग, किसान विंग, व्यापारी विंग और छात्र विंग का पुनर्गठन हो रहा है। जिन पदाधिकारियों ने सक्रियता नहीं दिखाई, उन्हें बदला जा रहा है और कई नेताओं को अलग-अलग विंग में शिफ्ट किया जा रहा है।
व्यापारी और छात्र विंग पर विशेष ध्यान
AAP ने व्यापारी और छात्र विंग बनाने का फैसला लिया है। छात्र विंग कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर तक सीमित रहेगा, जबकि व्यापारी विंग को विधानसभा क्षेत्र, जिला, क्षेत्रीय और राज्य स्तर तक ले जाया जाएगा। पार्टी का मकसद है कि युवाओं और व्यापारियों दोनों को चुनावी रणनीति में अहम भूमिका दी जाए।