भारतीय वायुसेना ने बुधवार, 8 अक्टूबर 2025 को अपना 93वां स्थापना दिवस पूरे गौरव और शौर्य के साथ मनाया। इस बार का समारोह खास रहा क्योंकि हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर पहली बार थलसेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त टुकड़ी ने परेड की अगुवाई की। कार्यक्रम में देश की रक्षा ताकत का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला।
तीनों सेनाओं की संयुक्त उपस्थिति
इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने परेड की सलामी ली। उनके साथ सीडीएस जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी भी मौजूद थे।
परेड के दौरान वायुसेना की अनुशासन, क्षमता और समर्पण का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। इस अवसर पर 97 वायु योद्धाओं को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
देश के आकाश के रक्षक हुए सम्मानित
इस बार कार्यक्रम में राफेल जेट की गोल्डन एरो स्क्वाड्रन, ब्रह्मोस मिसाइल से लैस सुखोई स्क्वाड्रन “टाइगर शार्क”, एस-400 मिसाइल यूनिट, और लोएटरिंग म्युनिशन यूनिट को विशेष प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने वाले इन यूनिट्स ने भारतीय वायुसेना की ताकत को नई ऊंचाई दी है।
दो चरणों में वायुसेना दिवस का आयोजन
वायुसेना दिवस समारोह इस बार दो चरणों में आयोजित किया गया है —
पहला कार्यक्रम आज हिंडन एयरबेस पर परेड के रूप में हुआ, जबकि दूसरा 9 नवंबर को गुवाहाटी में फ्लाई-पास्ट के रूप में आयोजित होगा।
परेड में एमआई-171(बी) हेलीकॉप्टर से तिरंगा, वायुसेना ध्वज, और ऑपरेशन सिंदूर का झंडा लहराया गया। फाइटर जेट्स, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और कॉम्बैट हेलीकॉप्टरों ने आसमान में शक्ति प्रदर्शन किया, जिसने हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया।
राष्ट्रपति और गृहमंत्री ने दी बधाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वायुसेना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
“वायुसेना दिवस पर सभी वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को शुभकामनाएं। भारतीय वायुसेना ने हमेशा साहस, प्रतिबद्धता और उत्कृष्टता का परिचय दिया है। हमारे योद्धा न केवल आसमान की रक्षा करते हैं बल्कि आपदाओं और मानवीय मिशनों में भी राष्ट्र की सेवा करते हैं।”
वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा,
“भारतीय वायुसेना दिवस पर हमारे आकाश के रक्षकों को हार्दिक शुभकामनाएं। यह बल भारतीयों के गौरव का प्रतीक है। राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर आपदा राहत तक, भारतीय वायुसेना अपने अदम्य साहस और देशभक्ति के साथ हर चुनौती का सामना करती है। आज हम उन शहीदों को नमन करते हैं जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।”
वायुसेना का संकल्प: आकाश की रक्षा, देश की प्रतिष्ठा
93वां वायुसेना दिवस भारतीय वायुसेना की शौर्य गाथा, तकनीकी दक्षता और आत्मनिर्भर भारत के सपने का प्रतीक बना। यह अवसर न केवल वीर जवानों के साहस को नमन करने का है, बल्कि उस नई उड़ान का भी, जो भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रही है।