सेंसेक्स 81,900 पार, निफ्टी 25,100 के ऊपर बंद; जानिए टॉप गेनर-लूजर शेयर

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में मजबूती का माहौल देखने को मिला। वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अगले हफ्ते ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद ने घरेलू निवेशकों का भरोसा बढ़ाया। कारोबार के अंत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 355.97 अंक यानी 0.44% बढ़कर 81,904.70 के स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 108.50 अंक यानी 0.43% चढ़कर 25,114.00 के स्तर पर बंद हुआ।

सेंसेक्स में 19 शेयर चढ़े, 11 गिरे

आज सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयरों ने हरे निशान पर कारोबार किया, जबकि 11 शेयरों में गिरावट देखी गई। यह संकेत देता है कि बाजार में मिलाजुला रुख रहा, लेकिन निवेशकों का रुझान खरीदारी की ओर ज्यादा रहा।

टॉप गेनर्स: बैंकों और ऑटो सेक्टर में मजबूती

सेंसेक्स की दिग्गज कंपनियों में BEL, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी और टाटा मोटर्स जैसे शेयरों ने दमदार प्रदर्शन किया। इन कंपनियों में आई तेजी ने इंडेक्स को ऊपर ले जाने में अहम योगदान दिया।

टॉप लूजर्स: FMCG और पेंट कंपनियों में दबाव

दूसरी ओर, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाइटन, एशियन पेंट्स और Trent जैसी कंपनियों में गिरावट दर्ज की गई। एक्सपर्ट्स का कहना है कि उपभोक्ता सेगमेंट से जुड़ी कंपनियों पर कच्चे माल की कीमतों और मांग में सुस्ती का असर पड़ रहा है।

विदेशी और घरेलू निवेशकों का अलग-अलग रुख

स्टॉक मार्केट डेटा के अनुसार, गुरुवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 3,472.37 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने बाजार में भरोसा दिखाते हुए 4,045.54 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। DII की इस खरीदारी ने बाजार को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई।

ग्लोबल मार्केट्स से मिला सपोर्ट

वैश्विक स्तर पर भी निवेशकों के बीच सकारात्मक माहौल रहा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती की संभावना ने दुनिया भर के बाजारों को सहारा दिया है। वहीं, एशियाई और यूरोपीय बाजारों में भी तेजी देखने को मिली।

क्रूड ऑयल की कीमत में गिरावट से राहत

ग्लोबल ऑयल मार्केट से भी अच्छी खबर आई। बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.87% गिरकर 65.79 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुई। तेल की कीमतों में यह गिरावट भारत जैसे आयातक देशों के लिए राहत की खबर है, क्योंकि इससे महंगाई पर दबाव कम हो सकता है।

विशेषज्ञों की राय

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में निवेशकों की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले पर टिकी रहेगी। ब्याज दरों में कटौती से लिक्विडिटी बढ़ने और बाजार में और तेजी आने की उम्मीद की जा रही है। हालांकि, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और ग्लोबल आर्थिक हालात पर भी बाजार की दिशा निर्भर करेगी।

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