सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश: केवल बीमार और खतरनाक कुत्ते रहेंगे शेल्टर में

सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों से जुड़े मामलों में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि अब सभी कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में रखने की ज़रूरत नहीं है। केवल वे कुत्ते जो बीमार हों या इंसानों पर हमला करने वाले यानी आक्रामक माने जाएं, उन्हें ही शेल्टर में रखा जाएगा।

पकड़े गए कुत्तों को तुरंत छोड़ा जाए

कोर्ट ने कहा कि जिन कुत्तों को पहले से पकड़कर शेल्टर में रखा गया है, उन्हें तुरंत बाहर छोड़ा जाए। लेकिन छोड़े जाने से पहले उनकी नसबंदी और टीकाकरण ज़रूरी होगा। अदालत ने साफ किया कि कुत्तों को उसी इलाके में वापस छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें पकड़ा गया था।

जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने दिया फैसला

यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने सुनाया। कोर्ट ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस फैसले का पालन करने का निर्देश दिया और कहा कि आवारा कुत्तों को लेकर अब एक統ीकृत (uniform) नीति पूरे देश में लागू होगी।

हर ब्लॉक में बनेगा ‘फीडिंग जोन’

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अब से किसी भी सार्वजनिक स्थान पर कुत्तों को खाना खिलाने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए हर ब्लॉक और वॉर्ड स्तर पर अलग-अलग फीडिंग जोन बनाए जाएंगे। वहीं पर पशु प्रेमी कुत्तों को खाना खिला सकेंगे।

नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई

अगर कोई व्यक्ति या संगठन इन आदेशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा। कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने से कई बार विवाद और परेशानियां खड़ी होती हैं, इसलिए इसे अब सख्ती से रोका जाएगा।

अदालत आने पर फीस अनिवार्य

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी तय किया कि इस मामले में अगर कोई व्यक्ति या एनजीओ याचिका दायर करना चाहता है, तो उसे फीस जमा करनी होगी। किसी व्यक्ति के लिए यह राशि 25 हज़ार रुपये और एनजीओ के लिए 2 लाख रुपये तय की गई है। कोर्ट का कहना है कि यह रकम आवारा कुत्तों के लिए बनाए जाने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होगी।

गोद लेने की भी छूट

अदालत ने यह विकल्प भी दिया कि इच्छुक पशु प्रेमी कुत्तों को गोद (adopt) ले सकते हैं। लेकिन एक बार गोद लिए गए कुत्तों को दोबारा सड़क पर छोड़ना अपराध माना जाएगा और इसकी जिम्मेदारी गोद लेने वाले व्यक्ति की होगी।

पूरे देश पर लागू होगा आदेश

दिल्ली-एनसीआर में पहले जारी हुआ आदेश अब नए स्वरूप में पूरे देश पर लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मुद्दे से जुड़ी देशभर की अदालतों में लंबित सभी याचिकाएं अब सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दी जाएंगी।

आदेश का उल्लंघन करने पर सज़ा

कोर्ट ने साफ चेतावनी दी है कि जो लोग इन निर्देशों का पालन नहीं करेंगे या शेल्टर में कुत्तों को रखने की प्रक्रिया में बाधा डालेंगे, उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।

याचिकाकर्ता ने कहा- यह संतुलित आदेश

वकील और याचिकाकर्ता ननिता शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को संतुलित बताया। उनका कहना है कि अदालत ने इंसानों की सुरक्षा और पशु अधिकार दोनों को ध्यान में रखते हुए यह आदेश दिया है।

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