शेयर बाजार में गिरावट, IT कंपनियों पर अमेरिकी वीज़ा फैसले का असर

सोमवार को घरेलू शेयर बाजार में निवेशकों की सतर्कता के बीच गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीज़ा शुल्क प्रति कर्मचारी 100,000 डॉलर तक बढ़ाने के फैसले के बाद आईटी कंपनियों के शेयरों में दबाव देखा गया। इस फैसले ने निवेशकों में चिंता बढ़ा दी और बाजार लाल निशान में बंद हुआ।

सेंसेक्स और निफ्टी के आंकड़े

BSE सेंसेक्स सोमवार को 466.26 अंक यानी 0.56% गिरकर 82,159.97 पर बंद हुआ। सेंसेक्स में 9 कंपनियों के शेयर बढ़त में रहे, जबकि 21 कंपनियों के शेयर गिरावट में रहे। वहीं, NSE निफ्टी 124.70 अंक यानी 0.49% गिरकर 25,202.35 पर बंद हुआ।

IT और वित्तीय कंपनियों की स्थिति

सेंसेक्स की प्रमुख 30 कंपनियों में टैक महिंद्रा, इन्फोसिस, HCL टेक और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के शेयर 2.26% से 3.88% तक गिरावट के साथ बंद हुए। इसके अलावा सन फार्मा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, एक्सिस बैंक और टाटा स्टील भी लाल निशान में रहे। दूसरी ओर, अडानी पोर्ट्स, ईटर्नल, ट्रेंट और बजाज फाइनेंस के शेयर हरे निशान में बंद हुए।

एशियाई बाजारों की दिशा

एशियाई बाजारों में मिश्रित रुख देखा गया। दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225 और चीन का शंघाई SSE कंपोजिट हरे निशान में रहा। वहीं, हांगकांग का हेंगसेंग लाल निशान में बंद हुआ। पिछले शुक्रवार को अमेरिकी बाजार सकारात्मक नोट पर बंद हुए थे।

कच्चे तेल और विदेशी निवेश

अंतरराष्ट्रीय ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.66% बढ़कर 67.12 डॉलर प्रति बैरल हो गई। वहीं, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) ने शुक्रवार को खरीदार का रुख अपनाते हुए 390.74 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

निवेशकों की चिंता और आगे का रुख

विश्लेषकों का कहना है कि H-1B वीज़ा शुल्क में बढ़ोतरी से आईटी कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ सकता है, जिससे बाजार पर दबाव बना। निवेशक इस सप्ताह अमेरिकी नीतियों, वैश्विक आर्थिक संकेत और तेल की कीमतों पर नजर रखेंगे, जो आगे के शेयर बाजार के रुझान तय करेंगे।

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