राज्य में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित करने हेतु ‘हरियाणा राज्य उद्यमिता आयोग’ की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकार हरियाणा को देश का नंबर एक स्टार्टअप हब बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसका लक्ष्य राज्य में स्टार्टअप्स की संख्या को तीन गुना करना है।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में ‘विश्व उद्यमिता दिवस’ के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह और कई अन्य घोषणाएँ कीं। इस अवसर पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्री रणबीर गंगवा और युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता मंत्री श्री गौरव गौतम भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में राज्य भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, विद्यालयों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के लगभग 2,000 विद्यार्थियों के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 100 सफल उद्यमियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने एबीआईसी, सीसीएसएचएयू, हिसार के 22 स्टार्टअप्स को अनुदान राशि के रूप में 1,14,30,000 रुपये से अधिक का चेक प्रदान किया।
सभी स्कूलों और कॉलेजों में स्टार्टअप आइडिया स्लोगन प्रतियोगिताएँ होंगी आयोजित
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सभी स्कूलों और कॉलेजों में स्टार्टअप आइडिया स्लोगन प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी, जिनमें ज़िला और राज्य स्तर पर विजेताओं को 1 करोड़ रुपये तक की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप में विकसित होने वाले विचारों को स्टार्टअप नीति के तहत सरकार से पूर्ण माइक्रोफाइनेंस सहायता मिलेगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ पहल को बढ़ावा देने के लिए “स्वदेशी मेले” आयोजित किए जाएँगे, जिसमें ज़िला प्रशासन का पूर्ण सहयोग मिलेगा। श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार निजी निवेशकों को एक फंड ऑफ़ फ़ंड बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, जो स्थानीय स्टार्टअप में निवेश करके हरियाणा को नवाचार और उद्यमिता का एक प्रमुख केंद्र बनाएगा।
2,000 स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को विभिन्न उद्योगों में इंटर्नशिप के अवसर मिलेंगे
उन्होंने घोषणा की कि राज्य के प्रत्येक ज़िले में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएँगे। युवाओं के कौशल की पहचान और विकास के लिए, जिला और राज्य स्तर पर प्रतिवर्ष कौशल प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री युवा कौशल सम्मान योजना के अंतर्गत, 2,000 स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को विभिन्न उद्योगों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए जाएँगे, साथ ही 10,000 रुपये का मानदेय भी दिया जाएगा।
विश्व कौशल ओलंपिक में हरियाणा के पदक विजेताओं को 10 लाख रुपये तक के मिलेंगे नकद पुरस्कार
श्री नायब सिंह सैनी ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार “विश्व कौशल ओलंपिक” में हरियाणा के पदक विजेताओं को 10 लाख रुपये तक के नकद पुरस्कार प्रदान करेगी। जो लोग अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, वे 10 लाख रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता के पात्र होंगे। यदि वे उद्यमिता नहीं अपनाना चाहते हैं, तो उन्हें हरियाणा भर के स्कूलों, आईटीआई, पॉलिटेक्निक और कॉलेजों में कौशल प्रशिक्षक के रूप में रोजगार दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को 5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता मिलेगी।
हरियाणा में 9,000 से ज़्यादा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों के परिणाम अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, हरियाणा में 9,000 से ज़्यादा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं। इससे भी अधिक उत्साहजनक बात यह है कि इनमें से लगभग 45 प्रतिशत स्टार्टअप महिलाओं द्वारा संचालित हैं, जो हमारी बेटियों के बढ़ते सशक्तिकरण को दर्शाता है। आज, हरियाणा स्टार्टअप की संख्या के मामले में भारत का सातवाँ सबसे बड़ा राज्य है।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि उद्यमिता केवल व्यवसाय शुरू करने या पैसा कमाने के बारे में नहीं है। यह एक विचार से शुरू होती है और एक बेहतर व्यवसाय के रूप में फलीभूत होती है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, केंद्र सरकार ने युवाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से कई योजनाएँ शुरू की हैं। यह पहल एक ऐसा तंत्र बनाने में मदद कर रही हैं जहाँ हर युवा को अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिलेगा।
स्कूलों और कॉलेजों में अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जा रही हैं
उन्होंने कहा कि कई युवाओं के पास शानदार विचार होते हैं, लेकिन अक्सर धन की कमी के कारण उनके सपने पूरे नहीं कर पाते हैं , ऐसे में मुद्रा योजना ने 10 लाख रुपये तक के बिना किसी गारंटी के ऋण प्रदान करके इस बाधा को दूर किया है। इस योजना ने लाखों छोटे उद्यमियों को अपना व्यवसाय सफलतापूर्वक शुरू करने या उसका विस्तार करने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि नवाचार की नींव बचपन में ही रखनी चाहिए। इसी दृष्टिकोण से, अटल नवाचार मिशन के तहत स्कूलों और कॉलेजों में अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जा रही हैं। ये लैब रटने की बजाय अनुभवात्मक, ‘करके सीखने’ के दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि ये लैब भविष्य के वैज्ञानिकों और नवप्रवर्तकों के लिए मददगार साबित होगी।