पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार द्वारा जी.एस.टी. में हाल ही में की गई कटौती को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. की शुरुआत भी भाजपा सरकार ने की थी और इसे अपने मास्टरस्ट्रोक के रूप में पेश किया गया था। अब वही सरकार इसे घटाकर जनता को भ्रमित कर रही है।
मान ने कहा, “जी.एस.टी. लागू करना भी भाजपा की सरकार ने किया और कटौती भी उन्हीं ने की। अगर पहले ही यह टैक्स नहीं लगाया जाता तो महंगाई इतनी बढ़ती नहीं। आप ही बढ़ाते हैं, आप ही घटाते हैं और फिर इसे बड़ी उपलब्धि बता देते हैं।”
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सिर्फ दिखावा करने की बजाय राज्यों को उनका जी.एस.टी. का बकाया पैसा समय पर जारी करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि कई राज्य, जिनमें पंजाब भी शामिल है, बकाया राशि के इंतजार में हैं। इस कारण से कई विकास परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं।
मान ने कहा कि जी.एस.टी. में कटौती की घोषणा केवल जनता को खुश करने का प्रयास है, जबकि असली समस्या बकाया राशि का भुगतान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र को राज्यों का हक तुरंत देना चाहिए ताकि विकास कार्य बाधित न हों और आम जनता को लाभ मिल सके।
पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के बीच वित्तीय मामलों को लेकर यह टकराव नया नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस बयान ने स्थिति को और स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसी भी तरह की दिखावटी घोषणाओं के पीछे नहीं है, बल्कि उनका उद्देश्य सीधे जनता को लाभ पहुंचाना है।
मान की आलोचना से यह भी स्पष्ट हो गया है कि पंजाब सरकार जी.एस.टी. के बकाया भुगतान को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती।