भारत ने स्वदेशी IADWS का सफल परीक्षण किया, आसमान से आने वाले हर खतरे का अब तुरंत होगा जवाब

भारत ने अपनी रक्षा ताकत को और मजबूत करते हुए देर रात ओडिशा तट से इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण पूरा कर लिया। यह सफलता दिखाती है कि आने वाले समय में देश के पास आसमान से आने वाले हर खतरे का तुरंत जवाब देने की क्षमता होगी।


आधी रात को बना नया इतिहास

शनिवार को रात लगभग 12:30 बजे यह परीक्षण किया गया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि IADWS का सफल विकास भारत की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेगा। उन्होंने DRDO, सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दीं।


क्यों खास है IADWS?

यह नई रक्षा प्रणाली किसी साधारण मिसाइल सिस्टम जैसी नहीं है। IADWS वास्तव में एक बहुस्तरीय एयर डिफेंस कवच है। इसमें शामिल हैं:

  • क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल
  • वीएसएचओआरडीएस (बहुत कम दूरी की मिसाइल रक्षा प्रणाली)
  • लेजर आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW)

इन तीनों तकनीकों के संयोजन से यह सिस्टम दुश्मन की मिसाइल या हवाई हमले को तुरंत रोकने में सक्षम होगा।


‘सुदर्शन चक्र’: आने वाला मिसाइल शील्ड

IADWS के साथ भारत जिस नए सिस्टम पर काम कर रहा है, उसका नाम है ‘सुदर्शन चक्र’

  • यह 2500 किलोमीटर दूर तक दुश्मन की मिसाइल को नष्ट कर सकता है।
  • 150 किलोमीटर की ऊंचाई तक हवा में किसी भी मिसाइल को इंटरसेप्ट कर लेगा।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और लेजर गाइडेड तकनीक के कारण इसकी सटीकता बेहद उच्च स्तर की है।

रफ्तार और ताकत का अनोखा मेल

‘सुदर्शन चक्र’ की मिसाइलें 5 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से दागी जाएंगी।

  • इसका ढांचा ग्राउंड और स्पेस बेस्ड हाइब्रिड मॉडल पर तैयार किया जा रहा है।
  • इसमें उपग्रहों और राडार का पूरा नेटवर्क शामिल होगा।
  • लक्ष्य है – बैलिस्टिक, क्रूज और हाइपरसोनिक सभी तरह की दुश्मन मिसाइलों को नष्ट करना।

सरकार ने इसे 2026 तक सक्रिय करने का लक्ष्य रखा है और इस पर लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।


हाल ही में हुई थी अग्नि-5 की सफलता

इसी हफ्ते भारत ने अपनी सबसे उन्नत मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया।

  • यह परीक्षण भी ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से हुआ।
  • अग्नि-5 ने सभी मानकों को पार किया और रणनीतिक क्षमता को नया आयाम दिया।

भारत की सुरक्षा को नई दिशा

विशेषज्ञ मानते हैं कि IADWS और ‘सुदर्शन चक्र’ की तैनाती से भारत की रक्षा क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। यह केवल तकनीकी सफलता नहीं है, बल्कि यह देश की आत्मनिर्भरता और रणनीतिक ताकत का भी प्रतीक है। आने वाले समय में भारत के पास दुनिया की सबसे मजबूत हवाई रक्षा प्रणालियों में से एक होगी।

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