बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार (10 सितंबर 2025) को लाखों पेंशनधारियों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत एक करोड़ 13 लाख से अधिक लाभार्थियों को अगस्त माह की पेंशन राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजी। कुल 1263.95 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर किए गए। प्रत्येक पात्र को 1100 रुपये की किस्त मिली।
नए लाभुकों की संख्या बढ़ी
राज्य सरकार लगातार सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का दायरा बढ़ा रही है। इस बार पिछले महीने की तुलना में 1.23 लाख नए लाभार्थियों को पेंशन की स्वीकृति दी गई है। जून से अगस्त के बीच पेंशनधारियों की संख्या में 2.22 लाख की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
किन योजनाओं के लाभार्थी जुड़े
बुधवार को जिन योजनाओं की राशि जारी की गई, उनमें छह प्रकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शामिल हैं। इनमें—
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना
- मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्तता पेंशन योजना
- लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
- बिहार निःशक्तता पेंशन योजना
पेंशन में हुई बढ़ोतरी
सीएम नीतीश कुमार ने कार्यक्रम में कहा कि जून से पेंशन राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव वृद्धजनों, विधवाओं और दिव्यांगजनों की जिंदगी आसान बनाने के लिए किया गया है।
‘कोई भी पात्र छूटना नहीं चाहिए’
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी योग्य व्यक्ति पेंशन से वंचित न रह जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमेशा समाज के कमजोर वर्गों की भलाई के लिए योजनाएं चलाई हैं और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।
समय पर पेंशन से मिल रही राहत
सीएम ने खुशी जताई कि पेंशन की राशि समय पर सीधे लाभुकों के खाते में पहुंच रही है। इससे पारदर्शिता बनी हुई है और लोगों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होती। उनका कहना था कि राज्य सरकार चाहती है कि हर जरूरतमंद को समय पर आर्थिक मदद मिले ताकि उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने में सहूलियत हो।
सामाजिक सुरक्षा को मिली मजबूती
बिहार में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं आज लाखों परिवारों की आर्थिक सहारा बन चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल गरीबी प्रभावित वर्ग को मदद मिल रही है बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में राज्य सरकार के प्रयास भी मजबूत हो रहे हैं।