तेज़ बारिश ने चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में फिर चिंता बढ़ा दी है। हिमाचल प्रदेश में हो रही लगातार बरसात से सुखना झील का जलस्तर तेज़ी से बढ़ा और बुधवार सुबह प्रशासन को फ्लड गेट खोलने पड़े।
बापूधाम और किशनगढ़ सबसे प्रभावित
फ्लड गेट खुलते ही झील का अतिरिक्त पानी सीधे सेक्टर-26 से होते हुए बापूधाम और किशनगढ़ तक पहुंचता है। इन इलाकों के लोगों को हर बार जलभराव की मार झेलनी पड़ती है। कुछ दिनों से मौसम साफ रहने के कारण निवासियों ने राहत महसूस की थी, लेकिन अब फिर पानी भरने का डर मंडराने लगा है।
क्षमता और खतरे की सीमा
सुखना झील की अधिकतम क्षमता 1162 फीट तक है। जैसे ही जलस्तर इस सीमा के करीब पहुंचता है, बाढ़ जैसी स्थिति से बचने के लिए गेट खोल दिए जाते हैं। बुधवार को भी यही हुआ और पानी का दबाव कम करने के लिए गेट खोलना प्रशासन की मजबूरी बन गया।
लगातार निगरानी में प्रशासन
अधिकारियों के अनुसार, हालात पर लगातार नज़र रखी जा रही है। राहत दलों को अलर्ट पर रखा गया है और लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें। खासकर निचले इलाकों में रहने वालों को पानी से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
मौसम से जुड़ी अनिश्चितता
पिछले कुछ दिनों तक बारिश न होने से हालात सामान्य बने हुए थे। लेकिन हिमाचल और आसपास के इलाकों में हो रही भारी बारिश ने फिर से खतरे की घंटी बजा दी है। फिलहाल, चंडीगढ़ के लोग आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं, क्योंकि आने वाले घंटों की बरसात सुखना झील और आसपास के इलाकों के लिए चुनौती बन सकती है।