बाढ़ से जूझते पंजाब के बीच अकाली दल का बड़ा फैसला, उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी

पंजाब में बाढ़ की भीषण आपदा के बीच शिरोमणी अकाली दल (SAD) ने सोमवार को घोषणा की कि वह मंगलवार (9 सितंबर) को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लेगा। पार्टी का कहना है कि इस वक्त पंजाब के लोग अभूतपूर्व संकट से गुजर रहे हैं, ऐसे में चुनाव में शामिल होना उचित नहीं है।


पंजाबियों के साथ खड़ा होगा अकाली दल

अकाली दल ने कहा कि इस समय उसका पूरा ध्यान बाढ़ पीड़ितों की सहायता पर है। पार्टी ने एक्स पर लिखा – “जब राज्य का एक बड़ा हिस्सा पानी में डूबा है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं, तो उपराष्ट्रपति चुनाव में शामिल होना पंजाब की जनता की भावनाओं के साथ न्याय नहीं होगा।”


SAD के पास सिर्फ एक सांसद

लोकसभा में अकाली दल की ओर से सिर्फ हरसिमरत कौर बादल सांसद हैं, जिन्होंने 2024 के चुनाव में बठिंडा सीट जीती थी। वे पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हैं। उन्होंने भी साफ कर दिया है कि पंजाब की पीड़ा के बीच वह वोटिंग में शामिल नहीं होंगी।


सरकारों पर गंभीर आरोप

पार्टी ने बाढ़ त्रासदी को “मानव निर्मित आपदा” करार दिया। SAD का आरोप है कि राज्य सरकार की लापरवाही और केंद्र की बेरुखी के कारण पंजाब इस हालात में पहुंचा है। पार्टी ने कहा – “न तो राज्य और न ही केंद्र सरकार ने अब तक कोई ठोस मदद की है, पंजाब के लोग खुद ही इस त्रासदी से जूझ रहे हैं।”


नौजवानों का संघर्ष

SAD ने विशेष तौर पर ग्रामीण युवाओं की सराहना की है, जो बाढ़ राहत कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। पार्टी ने लिखा कि सिख नौजवानों का यह समर्पण और सेवा भाव पूरे देश के लिए उदाहरण है।


चुनाव बहिष्कार का कारण

पार्टी का मानना है कि जब पंजाब का किसान, मजदूर और आम नागरिक बाढ़ से जूझ रहा है, तब चुनाव में भाग लेना संवेदनहीनता होगी। इसलिए SAD ने साफ कर दिया कि वह उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करेगा और पंजाबियों के साथ खड़ा रहेगा।

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