पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ कर दिया है कि इस बार बाढ़ से प्रभावित किसी भी परिवार को मुआवज़ा पाने के लिए सालों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने एलान किया कि 45 दिन के भीतर सभी पीड़ितों को मुआवज़ा उनके हाथों में होगा।
अधिकारियों को सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल बैठक के दौरान सभी डिप्टी कमिश्नरों और वरिष्ठ अधिकारियों को आदेश दिए कि नुकसान का आकलन तेजी से किया जाए। इसके लिए 13 सितंबर से विशेष गिरदावरी शुरू हो चुकी है। मान ने कहा कि यह काम तय समय सीमा में हर हाल पूरा होना चाहिए, ताकि किसानों और आम लोगों तक राहत पहुंच सके।
किसानों के लिए देश का सबसे बड़ा मुआवज़ा पैकेज
सीएम मान ने दोहराया कि पंजाब सरकार ने किसानों को फसल के नुकसान पर 20 हजार रुपये प्रति एकड़ देने का फैसला किया है, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में यह प्रक्रिया सालों तक लटकती रहती थी, लेकिन उनकी सरकार इसे डेढ़ महीने के भीतर पूरा करेगी।
घरों और पशुओं को नुकसान पर भी राहत
बाढ़ ने सिर्फ खेत ही नहीं बल्कि हजारों घर और पशुओं को भी प्रभावित किया है। मान सरकार ने तय किया है कि जिनका पूरा घर ढह गया है, उन्हें 1.20 लाख रुपये, जबकि आंशिक नुकसान वालों को 40 हजार रुपये दिए जाएंगे।
इसी तरह, जिन परिवारों के पशु बह गए या मर गए हैं, उन्हें भी मुआवज़ा मिलेगा। सीएम मान ने आदेश दिया कि 15 सितंबर से यह प्रक्रिया शुरू हो और 45 दिनों में खत्म हो जाए।
रिपोर्ट पर मिलेगी आपत्ति का हक
गांव-गांव जाकर अधिकारी फसलों और घरों का आकलन करेंगे। इसके बाद रिपोर्ट तैयार होगी और किसानों को उस पर आपत्ति जताने के लिए एक हफ्ते का समय मिलेगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी पीड़ित के साथ नाइंसाफी न हो।
मुख्यमंत्री खुद करेंगे निगरानी
मान ने यह भी ऐलान किया कि वे इस पूरी प्रक्रिया की रोज़ाना व्यक्तिगत निगरानी करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई अधिकारी लापरवाही करेगा या समय सीमा का पालन नहीं करेगा, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई होगी।
अब तक 55 मौतें, 42 परिवारों को राहत
अब तक बाढ़ से 55 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इनमें से 42 परिवारों को मुआवज़े के चेक सौंपे जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाकी परिवारों को भी जल्द सहायता दी जाएगी।
केंद्र से की जाएगी बड़ी मांग
सीएम मान ने बताया कि पंजाब सरकार केंद्र से यह मांग उठाएगी कि राज्य को “बड़ी प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र” घोषित किया जाए। इससे अतिरिक्त फंड मिलेगा और नुकसान की भरपाई में मदद मिलेगी।
“किसानों का दर्द मेरा अपना है”
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं खुद किसान का बेटा हूं, इसलिए किसानों की पीड़ा को भली-भांति समझता हूं। जब तक हर किसान और हर प्रभावित परिवार को मुआवज़ा नहीं मिल जाता, मैं चैन से नहीं बैठूंगा।”