पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बुधवार को जालंधर में जिला प्रशासनिक कॉम्प्लेक्स में अधिकारियों के साथ बैठक की। हाल की बारिश और बाढ़ के बाद संभावित स्वास्थ्य संकट को देखते हुए उन्होंने व्यापक अभियान शुरू करने के निर्देश दिए।
पानी और मच्छरों से जुड़ी बीमारियों पर निगरानी
बैठक में डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि दस्त और अन्य बीमारियों का फैलाव रोकने के लिए पानी की नियमित जांच और क्लोरीनेशन को प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में फॉगिंग और खड़े पानी की निकासी सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया।
डेंगू नियंत्रण के लिए अलग योजना
मंत्री ने बताया कि डेंगू के लार्वा की जांच को लेकर भी एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने प्रशासन की सराहना की कि सतलुज नदी में तेज बहाव के बावजूद जिले में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं बनने दी गई।
हेल्पलाइन नंबर 104 रहेगा सक्रिय
लोगों को आश्वासन देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि किसी भी स्वास्थ्य आपातकाल में हेल्पलाइन 104 पर कॉल कर त्वरित चिकित्सा सहायता प्राप्त की जा सकती है। यह सुविधा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।
समाजसेवियों और एनजीओ का योगदान
बैठक के दौरान मंत्री ने कई गैर-सरकारी संगठनों और समाजसेवियों की सराहना की। आईएमए, रोटरी क्लब और डिवाइन ओंकार मिशन समेत अन्य संस्थाओं ने बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए सामूहिक रूप से आर्थिक मदद दी। अमरजीत सिंह (यूके और अमेरिका से) ने भी राहत कार्यों में सहयोग किया।
आईएमए और अस्पताल ने बढ़ाया हाथ
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) जालंधर ने 1 लाख रुपये का चेक राहत कार्यों के लिए सौंपा। इसके अलावा, कैपिटल हॉस्पिटल के डॉ. सी.एस. परुथी ने 2 लाख रुपये का चेक दान किया। वहीं, रोटरी क्लब जालंधर सिटी ने मंत्री को राहत किटें प्रदान कीं।
केंद्र सरकार से फंड की मांग
स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र से पंजाब के 60,000 करोड़ रुपये के बकाए तुरंत जारी करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि यह राशि बाढ़ से प्रभावित ढांचे की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए बेहद जरूरी है।
मिलकर ही निपटेगी चुनौती
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि सरकार, समाजसेवी संस्थाओं और आम नागरिकों के सहयोग से ही बीमारियों और प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया जा सकता है।