पंजाब में बाढ़ के बाद राहत कार्य तेज़, शुरू हुआ सफाई और सैनिटाइजेशन अभियान

पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ ने हजारों परिवारों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया था। गाँवों और शहरों में पानी भरने के बाद बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा था। ऐसे में पंजाब सरकार ने बिना देर किए बड़े स्तर पर सफाई, फॉगिंग और सैनिटाइजेशन की मुहिम शुरू की। नंगल शहर से इस पहल की शुरुआत हुई, जहाँ कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस खुद मैदान में उतरे और सैनिटाइज़र का छिड़काव करवाया।

मंत्री खुद उतरे मैदान में

आमतौर पर ऐसे कार्यों की केवल घोषणाएँ होती हैं, लेकिन इस बार तस्वीर अलग थी। हरजोत सिंह बैंस ने गली-मोहल्लों में जाकर छिड़काव कार्य की निगरानी की। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि बाढ़ प्रभावित हर परिवार तक राहत और सुरक्षा पहुँचे। लोगों ने इसे सरकार की वास्तविक प्रतिबद्धता के रूप में देखा और कहा कि पहली बार कोई मंत्री सीधे उनके दरवाज़े तक पहुँचा है।

बीमारी रोकथाम पर खास ध्यान

बाढ़ के बाद सबसे बड़ा डर था—डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रमण फैलने का। इसे देखते हुए सरकार ने तेजी से फॉगिंग और सफाई कार्य कराए। अब तक कई गांवों और कस्बों में मच्छरों के प्रजनन स्थलों की जांच की जा चुकी है और जहां लार्वा मिला, वहाँ तुरंत दवा का छिड़काव किया गया। इससे लोगों को काफी राहत मिली है और बीमारी फैलने का खतरा भी कम हो गया है।

पशुओं के लिए भी राहत

सरकार ने इस अभियान को सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं रखा। ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के लिए विशेष टीकाकरण कार्यक्रम भी चलाया गया है। बाढ़ के कारण किसानों और पशुपालकों को भारी चिंता थी, लेकिन सरकार के इस कदम ने उनका भरोसा मजबूत किया। पशुधन की सुरक्षा से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलेगा।

जनता तक पहुँचा सरकार का संदेश

पंजाब सरकार की यह सक्रियता अब केवल राहत कार्य तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह जनता के लिए भरोसे का प्रतीक बन गई है। नंगल से शुरू हुआ यह अभियान अब अन्य क्षेत्रों में भी जारी है। लोग कह रहे हैं कि यह सरकार केवल आदेश नहीं देती, बल्कि खुद मैदान में उतरकर सेवा करती है। यही कारण है कि आज पंजाब की जनता महसूस कर रही है कि यह सरकार सचमुच उनकी अपनी है।

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