हिमाचल और जम्मू कश्मीर में लगातार हो रही बारिश ने पंजाब के हालात बिगाड़ दिए हैं। पोंग डैम का जलस्तर खतरे की सीमा 1390 फुट से बढ़कर 1394 फुट तक पहुंच गया है। इसी वजह से बीबीएमਬੀ ने बुधवार दोपहर 2 बजे बी्यास नदी में 1.10 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला किया है।
सात जिलों पर सबसे ज्यादा असर
पंजाब के सात जिले इस समय बाढ़ से जूझ रहे हैं। पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का के कई गांव पूरी तरह से प्रभावित हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक 150 से ज्यादा गांव पानी में घिरे हैं और कई इलाकों में 5 से 7 फुट तक पानी जमा हो गया है।
राहत और बचाव कार्य तेज
फिरोजपुर जिले में हालात सबसे ज्यादा गंभीर बताए जा रहे हैं। यहां से अब तक 2000 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर राहत कैंपों में पहुंचाया गया है। सेना, एनडीआरएफ, पुलिस और अन्य एजेंसियां लगातार राहत कार्यों में लगी हुई हैं। प्रभावित इलाकों में विशेष एंफीबियस व्हीकल्स भी भेजे गए हैं, जो पानी और जमीन दोनों पर चल सकते हैं।
डैमों की स्थिति
पोंग डैम के साथ-साथ रणजीत सागर डैम का स्तर भी 527 फुट तक पहुंच गया है, जो खतरे की निशानरेखा है। दूसरी ओर, भाखड़ा डैम का जलस्तर खतरे से नीचे है, लेकिन एहतियातन इसके चार गेट खोले जा चुके हैं।
प्रशासन ने लोगों से की अपील
हिमाचल और पंजाब दोनों राज्यों के प्रशासन ने नदी किनारे बसे लोगों को सावधान रहने और सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट होने की अपील की है। सिविल प्रशासन को चौबीसों घंटे अलर्ट पर रहने और आपदा से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बारिश का दौर जारी रहा तो अगले 24 घंटे बेहद अहम होंगे और जलस्तर और बढ़ सकता है। ऐसे में पंजाब और हिमाचल के लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।