पंजाब में बाढ़ से पैदा हुई मुश्किलें अब कम होती नज़र आ रही हैं। पिछले कुछ दिनों से लगातार राहत और बचाव कार्यों के चलते प्रभावित इलाकों में हालात सामान्य होने लगे हैं। प्रशासन और स्थानीय लोगों की कोशिशें रंग ला रही हैं, जिसकी झलक ताज़ा आंकड़ों में भी दिखाई दे रही है।
प्रभावित गांव और आबादी
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के 2,472 गांव अब भी बाढ़ की मार झेल चुके हैं और कुल 3,89,176 लोग प्रभावित बताए गए हैं। हालांकि इन आंकड़ों में 14 से 15 सितंबर के बीच कोई बदलाव नहीं हुआ है।
राहत कैंपों की संख्या में गिरावट
सबसे बड़ी राहत यह है कि राहत शिविरों में ठहरे लोगों की संख्या घट रही है। जहां 14 सितंबर को 82 राहत शिविर चल रहे थे, वहीं 15 सितंबर तक इनकी संख्या घटकर 66 रह गई। इसी तरह, कैंपों में रहने वाले लोग भी 3,699 से घटकर 3,449 रह गए हैं। यह इस बात का संकेत है कि प्रभावित लोग अब धीरे-धीरे अपने घरों को लौट रहे हैं।
एनडीआरएफ और सेना की भूमिका
हालात सुधरने के साथ ही बचाव दलों की तैनाती को भी कम किया गया है। पहले फाजिल्का और फिरोजपुर जिलों में एनडीआरएफ की तीन टीमें काम कर रही थीं, लेकिन अब केवल फिरोजपुर में एक टीम राहत कार्यों की तैयारी को सुनिश्चित करने के लिए मौजूद है।
बचाए गए लोग और नुकसान का अनुमान
अब तक 23,340 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। वहीं, फसलों को नुकसान का आंकड़ा 1,98,525 हेक्टेयर पर स्थिर बना हुआ है। कृषि पर पड़ा यह असर लंबे समय तक किसानों के लिए चुनौती बना रह सकता है।
प्रशासन की प्राथमिकता
माल, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने कहा कि सरकार राहत और पुनर्वास कार्यों पर पूरा ध्यान दे रही है। उनका कहना है कि लोगों का सहयोग और हिम्मत प्रशासन के लिए सबसे बड़ी ताकत साबित हो रही है।
जनजीवन की वापसी
कुल मिलाकर, पंजाब में बाढ़ से बिगड़े हालात अब सुधर रहे हैं। राहत शिविरों का खाली होना और लोगों का घरों की ओर लौटना इस बात की पुष्टि करता है कि जनजीवन धीरे-धीरे अपनी सामान्य रफ्तार पकड़ रहा है।