पंजाब सरकार ने इस बार किसानों के लिए बड़ा कदम उठाते हुए धान की सरकारी खरीद 15 दिन पहले शुरू कर दी है। सामान्यतः यह प्रक्रिया 1 अक्टूबर से शुरू होती है, लेकिन बाढ़ और बारिश से प्रभावित किसानों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इसे सितंबर से ही शुरू कर दिया है। इस बार 190 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए 1822 खरीद केंद्र बनाए गए हैं।
मंडियों में जरूरी प्रबंध
सरकार ने मंडियों में किसानों की सुविधा को प्राथमिकता दी है। बिजली, पीने के पानी और अन्य इंतज़ाम पूरे कर लिए गए हैं। बाढ़ प्रभावित मंडियों को साफ़ करके 19 सितंबर तक पूरी तरह चालू करने का लक्ष्य तय किया गया है।
किसानों के लिए अहम हिदायतें
प्रशासन ने किसानों को स्पष्ट किया है कि वे धान को मंडी में लाने से पहले सुखाकर और आढ़तियों से मैपिंग कराकर लाएं। बारिश की वजह से नमी की समस्या अधिक हो सकती है, ऐसे में तैयारी से आने पर किसानों को दिक्कत नहीं होगी।
मुख्यमंत्री मान करेंगे निरीक्षण
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घोषणा की है कि वे खुद विभिन्न मंडियों का दौरा करेंगे और खरीद व्यवस्थाओं की जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि नमी के बहाने किसानों से किसी भी तरह का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पराली प्रबंधन के लिए सख्त कदम
धान की कटाई पर सरकार ने शाम 6 बजे से सुबह 10 बजे तक कंबाइन से कटाई पर पाबंदी लगा दी है। इसके साथ ही पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
पराली की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है। 10 हजार से अधिक फील्ड अधिकारी तैनात होंगे, जबकि 1,48,451 सीआरएम मशीनें किसानों को उपलब्ध कराई जाएंगी। जिलों के डीसी और एसएसपी को भी निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है।