जीएसटी में राहत: अब कंपनियां पुराने स्टॉक पर छाप सकेंगी नई कीमतें, ग्राहकों को मिलेगा सीधा फायदा

जीएसटी दरों में बदलाव के बाद जहां ग्राहकों को कम कीमतों पर सामान मिलने लगा, वहीं कंपनियां पुराने स्टॉक की वजह से मुश्किल में थीं। अब सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कंपनियों को राहत दी है। नए नियम के तहत कंपनियां अपने पुराने पैक्ड सामान पर नई दरें दर्ज कर सकती हैं।

पुरानी कीमत छुपाना मना

नई कीमत छापते समय यह जरूरी होगा कि पुरानी कीमत भी साफ दिखाई दे। यानी ग्राहक को यह पता होना चाहिए कि पहले उत्पाद की कितनी कीमत थी और अब संशोधित दर कितनी है। पुरानी एमआरपी को ढककर केवल नई कीमत लगाना अनुमति योग्य नहीं होगा।

दरें बदलने के लिए कई विकल्प

कंपनियां नई कीमत स्टिकर, स्टैंप या ऑनलाइन प्रिंटिंग के जरिए दर्ज कर सकती हैं। इससे उन्हें पैकिंग दोबारा बदलने की जरूरत नहीं होगी और वे अपना स्टॉक बिना नुकसान के बेच पाएंगी।

जानकारी देना अनिवार्य

नियमों के मुताबिक, नई दरें लगाने के बाद कंपनियों को जनता तक इसकी जानकारी पहुंचानी होगी। इसके लिए कम से कम दो अखबारों में विज्ञापन देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ खुदरा दुकानदारों के विभागों को भी सूचित करना होगा।

समयसीमा अब 31 दिसंबर तक

पहले यह छूट केवल 22 सितंबर 2025 तक थी, लेकिन अब सरकार ने कंपनियों को अतिरिक्त समय देते हुए अंतिम तारीख बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दी है। त्योहारों के मौसम को देखते हुए यह निर्णय कंपनियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि कई कंपनियों ने पहले से भारी स्टॉक तैयार कर रखा है।

बाजार और उपभोक्ता दोनों को लाभ

इस फैसले से कंपनियों को पुराने स्टॉक की वजह से नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा और ग्राहकों को भी सस्ते दामों पर सामान मिलेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि त्योहारों के दौरान यह कदम बाजार में रौनक बनाए रखेगा और बिक्री को बढ़ावा देगा।

त्योहारी सीजन के लिए अहम कदम

त्योहारों से पहले यह घोषणा व्यापार जगत के लिए बड़ी खबर है। जहां कंपनियां नई पैकिंग के खर्च से बचेंगी, वहीं उपभोक्ता भी कम कीमतों का लाभ उठा पाएंगे। सरकार का यह कदम ग्राहकों और व्यापारियों के बीच विश्वास को मजबूत करेगा और अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर डालेगा।


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