कुल्लू में पहाड़ दरका: शर्मानी गांव में भूस्खलन से 4 की मौत, 1 लापता

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में प्राकृतिक आपदा ने फिर कहर बरपाया है। आनी ब्लॉक की निरमंड पंचायत के शर्मानी गांव में मंगलवार तड़के करीब 2 बजे अचानक भूस्खलन हुआ, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति अब भी लापता है।


रात के सन्नाटे में मची अफरातफरी

घटना के वक्त गांव के लोग घरों में सो रहे थे। अचानक पहाड़ दरकने से कई मकान मलबे में दब गए। स्थानीय निवासियों ने किसी तरह शोर सुनकर लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की। प्रशासन को तुरंत सूचना दी गई, जिसके बाद राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचे।


घायलों का अस्पताल में इलाज जारी

मलबे से निकाले गए घायलों को नजदीकी निरमंड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रशासन के मुताबिक, पांच लोग अभी भी लापता हैं और उनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पुलिस, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य टीम और लोक निर्माण विभाग मिलकर राहत कार्य में जुटे हैं।


सीएम सुक्खू ने जताई संवेदना

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोशल मीडिया पर लिखा,
“निरमंड की घाटू पंचायत में भूस्खलन की घटना में चार लोगों की मौत और कई के लापता होने की खबर अत्यंत दुखद है। सरकार इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है।”
सीएम ने राहत कार्यों की निगरानी करने और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद पहुंचाने के आदेश दिए हैं।


प्रशासन ने लोगों से की सतर्क रहने की अपील

लगातार बारिश के कारण क्षेत्र की स्थिति गंभीर बनी हुई है। अधिकारियों ने लोगों से कहा है कि वे खतरनाक स्थानों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर शरण लें। भारी बारिश के चलते भूस्खलन की आशंका बनी हुई है।


मौसम विभाग ने दी चेतावनी

मौसम विभाग ने कांगड़ा, शिमला और चंबा समेत कई जिलों में हल्की बारिश का अनुमान जताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले चार-पांच दिन तक इसी तरह का मौसम रहने वाला है, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में और भूस्खलन हो सकता है।


नेशनल हाईवे पर आंशिक राहत

इसी बीच, लंबे समय से बंद पड़ा चंबा-भरमौर नेशनल हाईवे सोमवार को छोटी गाड़ियों के लिए खोल दिया गया। अगस्त से भारी बारिश और मलबा गिरने के कारण यह मार्ग बंद था। प्रशासन का कहना है कि जल्द ही बड़े वाहनों के लिए भी हाईवे बहाल कर दिया जाएगा।


पहाड़ों में लगातार बढ़ रही मुश्किलें

शर्मानी गांव की यह घटना एक बार फिर से चेतावनी देती है कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदाओं के लगातार खतरे में है। भारी बारिश और भूस्खलन के चलते लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और प्रशासन राहत-बचाव में पूरी ताकत झोंक रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *