एथेनॉल ब्लेंड फ्यूल (E20 पेट्रोल) पर जारी विवाद के बीच केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आलोचकों को सख्त जवाब दिया है। नागपुर में एक कार्यक्रम में उन्होंने साफ कहा कि उनका उद्देश्य किसानों की मदद करना है, न कि निजी लाभ कमाना।
“मेरी सोच करोड़ों की, पैसों के लिए स्तर नहीं गिराऊंगा”
गडकरी ने कहा, “मेरा दिमाग ही 200 करोड़ रुपये प्रति माह का है। मैं कभी पैसों के लिए अपना स्तर नीचे नहीं करूंगा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी कोशिश किसानों की आय बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए है।
किसानों की आत्महत्या पर जताया दुख
मंत्री ने विदर्भ क्षेत्र में किसानों की आत्महत्या की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि यह शर्म की बात है कि हजारों किसान आर्थिक संकट के कारण जान गंवा चुके हैं। उन्होंने दोहराया कि जब तक किसानों की हालत नहीं सुधरेगी, उनकी नीतियां और प्रयास जारी रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट का रुख और याचिका खारिज
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सभी पेट्रोल पंपों पर एथेनॉल ब्लेंड फ्यूल अनिवार्य करने का विरोध किया गया था। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि पुराने वाहन E20 पेट्रोल के अनुकूल नहीं हैं। अदालत ने इसे नकारते हुए कहा कि यह मुकदमा स्वच्छ ईंधन बदलाव को रोकने की कोशिश मात्र है।
एथेनॉल – स्वच्छ और सस्ता विकल्प
सरकार का कहना है कि E20 पेट्रोल से प्रदूषण घटेगा और कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता भी कम होगी। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इससे वाहनों की माइलेज और परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकती है।
गडकरी का दो-टूक – यह राजनीति प्रेरित अभियान
गडकरी ने आरोप लगाया कि एथेनॉल को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही नकारात्मक बातें राजनीति से प्रेरित हैं। उनका कहना है कि E20 पेट्रोल पूरी तरह सुरक्षित है और इसे न केवल नियामक एजेंसियों बल्कि वाहन निर्माता कंपनियों का भी समर्थन प्राप्त है।