दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला के पास हुए धमाके ने पूरे देश को दहला दिया है।
इस घटना में अब तक 9 लोगों की मौत और 15 से ज्यादा घायल होने की पुष्टि हुई है।
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार इस विस्फोट की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं और अब जांच का फोकस आरोपी डॉक्टर उमर की रहस्यमयी हरकतों पर आ गया है।
पार्किंग में खड़ी कार और तीन घंटे की गुत्थी
जानकारी के मुताबिक, उमर सोमवार दोपहर 3 बजकर 19 मिनट पर अपनी आई-10 कार को लाल किले की पार्किंग में खड़ा करता है।
उसके बाद वह शाम 6 बजकर 22 मिनट पर वहां से निकलता है।
इन तीन घंटों में उसने क्या किया — यही अब जांच का सबसे बड़ा सवाल बन गया है।
एजेंसियों को शक है कि उमर इस दौरान इलाके की रेकी कर रहा था, या फिर किसी से मुलाकात करने गया था।
संभावना यह भी जताई जा रही है कि वह धमाका करने के लिए सही समय यानी भीड़भाड़ के पीक टाइम का इंतजार कर रहा था।
क्या किसी नेटवर्क से जुड़े थे उमर के तार?
सूत्रों का कहना है कि उमर को यह जानकारी थी कि उसके बाकी साथी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं।
फिर भी उसने तीन घंटे तक उच्च सुरक्षा क्षेत्र में रुकने का जोखिम क्यों उठाया?
क्या उसे किसी से निर्देश मिल रहे थे, या फिर वह किसी स्लीपर सेल के संपर्क में था?
एजेंसियां इस एंगल को ध्यान में रखते हुए उसके फोन रिकॉर्ड और डिजिटल ट्रेल की जांच कर रही हैं।
विस्फोट के बाद मचा हड़कंप
धमाका इतना तेज था कि पास खड़ी कई गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए।
घटनास्थल के सीसीटीवी में दिखा कि विस्फोट के तुरंत बाद आसपास की मार्केट की दीवारें हिल गईं और लोग चीखते हुए भागने लगे।
ब्लास्ट में मारे गए लोगों में कुछ स्थानीय दुकानदार और राहगीर शामिल हैं।
दिल्ली में बढ़ी सुरक्षा
घटना के बाद दिल्ली पुलिस और एनआईए की टीमें सक्रिय हैं।
राजधानी के सभी प्रमुख इलाकों — जैसे इंडिया गेट, संसद मार्ग और कनॉट प्लेस — में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
हर आने-जाने वाले वाहन की कड़ी जांच की जा रही है।
जांच में नए सुराग
पुलिस को उमर की गाड़ी से कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें जांच के लिए फोरेंसिक टीम को भेजा गया है।
एजेंसियां मान रही हैं कि यह हमला किसी संगठित आतंकी मॉड्यूल की साजिश का हिस्सा हो सकता है।
फिलहाल, डॉक्टर उमर की तलाश तेज हो गई है और जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि जल्द ही इस धमाके की पूरी साजिश से पर्दा उठ जाएगा।