5 दिसंबर को सोने की कीमतों में लगातार दूसरे दिन कमजोरी दर्ज की गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर गोल्ड वायदा भाव 0.17% टूटकर ₹1,29,854 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। वहीं, चांदी ने मजबूती दिखाई और 0.66% चढ़कर ₹1,79,309 प्रति किलो के स्तर पर कारोबार करती दिखी।
अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भी दिखी कमजोरी
ग्लोबल मार्केट में भी सोने ने दबाव झेला। COMEX पर गोल्ड फिसला है, जबकि चांदी के भाव में बढ़त जारी है। फेडरल रिज़र्व की अगले हफ़्ते होने वाली नीति बैठक के मद्देनज़र निवेशकों में सतर्कता बढ़ गई है, जिसका सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ा है।
दिल्ली के बाजार में सोना 600 रुपये सस्ता
राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में भी सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। 99.9% शुद्ध सोना ₹600 गिरकर ₹1,31,600 प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि बुधवार को इसकी कीमत ₹1,32,200 थी।
चांदी की चाल भी कमजोर रही और यह ₹900 फिसलकर ₹1,80,000 प्रति किलो पर पहुंच गई। पिछले कारोबारी दिन यह ₹1,80,900 थी।
फेड की पॉलिसी से पहले बाजार में मंदी का माहौल
विश्लेषकों के अनुसार, सोने में गिरावट की वजह वैश्विक निवेशकों द्वारा अपनाई गई सावधानी है। फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) अगले हफ्ते ब्याज दरों पर अपना बड़ा फैसला सुनाएगी, जिससे पहले निवेशकों ने फिलहाल दूरी बनाए रखी है।
कमजोर खरीदारी ने भी सोने पर दबाव बढ़ाया है।
अमेरिकी डेटा ने बढ़ाया ब्याज दर कटौती का अनुमान
अमेरिका में नवंबर महीने की वेतन वृद्धि उम्मीद से काफी कम रही है, जो 2023 के बाद सबसे कमजोर आंकड़ा है। इस वजह से बाजार में यह उम्मीद और पुख्ता हो गई है कि फेड आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
आज के विदेशी बाजार में सोना लगभग $4,193 प्रति औंस पर था, जबकि चांदी $57.34 प्रति औंस के आसपास ट्रेड कर रही थी। बुधवार को चांदी $58.97 प्रति औंस के ऑल टाइम हाई स्तर पर पहुंची थी।
सोने की कीमतें क्यों उतार-चढ़ाव करती हैं?
सोना आमतौर पर ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील माना जाता है। जब ब्याज दरें बढ़ती हैं तो निवेशक सोने से पैसे निकालकर ब्याज वाली निवेश योजनाओं की ओर जाते हैं। वहीं, दरों के घटने की संभावना बढ़ते ही सोने में फिर निवेश बढ़ जाता है।