इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 19वें सीज़न से पहले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। लंबे समय से चल रही अटकलों के बीच अब यह साफ हो गया है कि RCB की बिक्री प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर शुरू हो चुकी है। टीम के मौजूदा मालिक डियाजियो (Diageo) ने इस बात की पुष्टि की है कि वह अपनी सहायक कंपनी के ज़रिए इस फ्रैंचाइज़ी के निवेश की समीक्षा कर रहे हैं।
डियाजियो ने की पुष्टि, प्रक्रिया शुरू
ब्रिटिश कंपनी डियाजियो ने बुधवार (5 नवंबर) को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को भेजे एक आधिकारिक पत्र में बताया कि उसने अपनी भारतीय इकाई यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड (USL) के ज़रिए रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (RCSPL) में निवेश की रणनीतिक समीक्षा शुरू कर दी है।
इस कंपनी के पास RCB की पुरुष और महिला दोनों टीमें हैं, जो क्रमशः IPL और WPL (वीमेंस प्रीमियर लीग) में खेलती हैं।
डियाजियो ने अपने बयान में कहा —
“USL ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी RCSPL में निवेश की रणनीतिक समीक्षा शुरू की है, जिसके तहत RCB की फ्रैंचाइज़ी आती है। यह प्रक्रिया कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति के अनुरूप है।”
2026 तक पूरी हो सकती है बिक्री प्रक्रिया
डियाजियो ने अपने पत्र में बताया है कि उन्हें उम्मीद है कि यह प्रक्रिया 31 मार्च 2026 तक पूरी कर ली जाएगी।
रिपोर्टों के मुताबिक, कंपनी पहले से ही कुछ बड़े निवेशकों से बातचीत कर रही है और सौदा अगले IPL सीज़न से पहले ही पूरा हो सकता है।
2008 में विजय माल्या ने की थी टीम की शुरुआत
RCB की कहानी IPL की शुरुआत के साथ ही शुरू होती है। 2008 में विजय माल्या ने लगभग ₹600 करोड़ में यह टीम खरीदी थी। उस वक्त टीम यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड (USL) के स्वामित्व में थी।
बाद में 2014 में, डियाजियो ने USL में 54% से अधिक हिस्सेदारी खरीदकर टीम की कमान अपने हाथों में ले ली। तब से RCB, डियाजियो ग्रुप के अधीन रही है।
RCB की उपलब्धियां और बढ़ती लोकप्रियता
हालांकि RCB ने 17 साल तक खिताब का इंतजार किया, लेकिन 2025 में टीम ने इतिहास रचते हुए अपना पहला IPL खिताब जीता। यह जीत विराट कोहली के करियर की भी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक रही।
RCB हमेशा से IPL की सबसे लोकप्रिय और चर्चित टीमों में से एक रही है। टीम की ब्रांड वैल्यू करोड़ों में आंकी जाती है और इसका फैनबेस दुनिया भर में फैला हुआ है।
डियाजियो क्यों बेच रहा है टीम?
विश्लेषकों का मानना है कि डियाजियो अब अपने मुख्य व्यवसाय – शराब और पेय उद्योग पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है। क्रिकेट फ्रैंचाइज़ी चलाना उसके कोर बिजनेस मॉडल का हिस्सा नहीं रहा, इसलिए कंपनी ने टीम की बिक्री का फैसला किया है।
कंपनी के लिए यह सौदा अरबों रुपये का हो सकता है और इससे वह अपनी वित्तीय स्थिति को और मज़बूत कर सकती है।
नए मालिक को लेकर अटकलें तेज़
अब सवाल यह है कि RCB की कमान किसके हाथ में जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, कई बड़े भारतीय उद्योगपतियों और विदेशी निवेश कंपनियों ने इस फ्रैंचाइज़ी में रुचि दिखाई है।
संभावना है कि 2026 के IPL सीज़न से पहले टीम के नए मालिक का नाम आधिकारिक तौर पर घोषित कर दिया जाएगा।